- काकोरी शहीद स्मारक में काकोरी ट्रेन एक्शन की वर्षगांठ का आयोजन
- कोई धरती लोकपूज्य तभी बन पाती है, जब अनगिनत बलिदान होते हैं
- आजादी के शताब्दी वर्ष में हमें कैसा भारत चाहिए, इसके लिए अभी से कार्ययोजना बनाएं
- भारत के प्रतीकों के प्रति सम्मान का भाव प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य
- भारत की ताकत, भारत की सामूहिकता है
- काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित सूचना विभाग की डॉक्यूमेन्ट्री का प्रदर्शन
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे क्रांतिकारियों के बलिदान से काकोरी एक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित होते हुए लोकपूज्य बन गया है। कोई धरती लोकपूज्य तभी बन पाती है, जब अनगिनत बलिदान होते हैं। काकोरी में भी सन 1925 में देश के लिए मर मिटने वाले क्रांतिकारियों ने स्वाधीनता के यज्ञ में अपनी आहूति दी। यह हमारा सौभाग्य है कि हम काकोरी ट्रेन एक्शन की वर्षगांठ के साथ ही देश की स्वाधीनता के अमृत महोत्सव वर्ष से भी जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री यह विचार यहां काकोरी शहीद स्मारक में काकोरी ट्रेन एक्शन की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त कर रहे थे। आजादी की बलिवेदी पर अपने को समर्पित करने वाले भारत माता के महान सपूतों को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि आज काकोरी ट्रेन एक्शन की वर्षगांठ है। आज ही के दिन वर्ष 1925 में काकोरी की इतिहास प्रसिद्ध घटना को अंजाम दिया गया, जब देश अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। सन् 1857 से प्रारम्भ स्वातंत्र्य समर देश में निरन्तर जारी रहा। अनगिनत अत्याचारों के बावजूद क्रांतिकारियों को विदेशी हुकूमतें रोक नहीं पायीं। अन्तत: 15 अगस्त, 1947 को यह देश आजाद हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश और हमारी वर्तमान पीढ़ी इस बात के लिए सौभाग्यशाली है कि सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की भूमि उत्तर प्रदेश रही है। चाहे वह मंगल पाण्डेय द्वारा जलायी गयी चिंगारी हो या झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का वह उद्घोष कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी, अथवा वह उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर देश की आजादी के लिए हुए इस वृहद अभियान को एक नई ऊंचाई प्रदान करने का हो। सन 1922 में गोरखपुर के चौरी-चौरा की घटना हो या 09 अगस्त, 1925 को लखनऊ के काकोरी का यह क्षेत्र जिसमें देश की आजादी के लिए मर मिटने वाले क्रांतिकारियों ने ट्रेन में खजाने के रूप में जा रहे, 4,679 रुपये को रोककर ले लिया था। यह सभी घटनाएं उत्तर प्रदेश की भूमि में घटी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम काकोरी की घटना की पृष्ठ भूमि पर जाते हैं तो उस समय ब्रिटिश सरकार ने 4,679 रुपये के लिए क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करने हेतु 10 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिए थे। पं. राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में काकोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। उन्हें गोरखपुर की जेल में रखा गया था। अशफाक उल्ला खां, ठा. रोशन सिंह, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को क्रमश: गोण्डा, फैजाबाद और नैनी जेल में अलग-अलग स्थानों पर रखा गया। चन्द्र शेखर आजाद ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ते हुए प्रयागराज में शहीद हुए। क्रांति की यह लौ कभी बुझी नहीं। यह देश अपनी आजादी तथा स्वाधीनता के लिए लड़ता रहा। उसी का परिणाम था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में चली देश की स्वाधीनता की इस लड़ाई में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सरदार भगत सिंह, राजगुरु तथा अनगिनत क्रांतिकारियों के त्याग और बलिदान के फलस्वरूप देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सामने एक लक्ष्य रखा है कि जब यह देश अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, उस समय हमें कैसा भारत चाहिए। इसके लिए हम अभी से आगामी 25 वर्षों की व्यापक कार्ययोजना बनाकर देश के सामने रखें। प्रधानमंत्री जी के संकल्प के साथ जुड़कर राज्य सरकार ने भी तय किया है कि आगामी 05 वर्षों में प्रदेश को देश की एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ते हुए 15 अगस्त के दिन देश स्वाधीन हुआ। स्वाधीनता के उस एहसास को उत्साह और उमंग के साथ मिलकर मनाते हुए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने के अपने संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। तिरंगा यात्राओं का आयोजन जगह-जगह हो रहा है। लोगों में अपार उत्साह है। भारत के प्रतीकों के प्रति सम्मान का भाव प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। यही हमारा धर्म भी होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की ताकत, भारत की सामूहिकता है। 135 करोड़ की आबादी के साथ भारत दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र तथा लोकतंत्र की मां के रूप में भी दुनिया का मार्गदर्शन करते हुए दिखाई देता है। जब हम जाति, मत, मजहब, क्षेत्र अथवा भाषा के आधार पर बँटे होंगे तो यह विभाजन हमारी ताकत का ही विभाजन करेगा, भारत को कमजोर करेगा एवं विकास को बाधित करेगा। यह अव्यवस्था तथा अराजकता सहित तमाम ऐसी विकृतियों को जन्म देगा, जो पुन: देश की स्वाधीनता पर संकट खड़ा कर सकती हैं। हमारा सबसे बड़ा संकल्प होना चाहिए कि हम भारत को फिर किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं होने देंगे। पूरे भारत की एकता का संकल्प लेकर उन विकृतियों को दूर करते हुए हम एक साथ मिलकर कार्य करेंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हम सभी अत्यन्त हर्षाेल्लास से आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आजाद भारत में हम सब अपने देश व प्रदेश को विकास के पथ पर तेजी के साथ इसीलिए आगे बढ़ा पा रहे हैं, क्योंकि हिन्दुस्तान के रणबांकुरों ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। उन्होंने इस अवसर पर लोगों से अपने-अपने घरों में तिरंगा फहराए जाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने काकोरी शहीद स्मारक में शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्ष अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि प्रदान की। सूचना विभाग द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित एक डॉक्यूमेन्ट्री का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में राष्ट्रभक्ति पर आधारित कथक नृत्य नाटिका वन्दे मातरम की प्रस्तुति की गयी। जनपद महोबा के श्री शरद अनुरागी द्वारा राष्ट्रभक्ति से पूर्ण आल्हा गायन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य डा. महेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधायक आशुतोष टंडन, विधायक जयदेवी, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।