नई दिल्ली, हिंट समाचार। सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून सोमवार को प्रमुख कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रमुख आयोजन एक टेलीविजन कार्यक्रम होगा जो दूरदर्शन के सभी चैनलों पर सुबह 6.30 बजे शुरू होगा। कार्यक्रम में आयुष राज्यमंत्री किरण रिजिजू का संबोधन और मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ योग द्वारा योग का सजीव प्रदर्शन भी शामिल होगा।
डॉक्टरों का कहना है कि नियमित रूप से योग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। खासकर फेफड़ों संबंधी आसन इन दिनों जरूरी हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक विद्यार्थी को ध्यान करना चाहिए। यह स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। शारीरिक शक्ति को बढ़ाने व भीतर की ऊर्जा को जागृत करने का जरिया भी योग है। इसे करने वाले लोगों पर प्राकृतिक चमक देखी जा सकती है।
बता दें कि पीएम मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस दिन को सेलिब्रेट करने की पहल की थी जिसके बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। 21 जून को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसे 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।
मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनिया के करीब 190 देशों में मनाया जाएगा। लाखों योग प्रेमियों ने अपने घरों से इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है। योग प्रदर्शन के बाद सुबह सात बजे से 7.45 बजे तक प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन होगा। बाद में 15 आध्यात्मिक व योग गुरु अपने-अपने संदेश भी देंगे। इनमें आर्ट ऑफ़ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर, ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव, डा. एचआर नगेंद्र, कमलेश पटेल, डा. वीरेंद्र हेगड़े, डा. हमसाजी जयदेव, ओपी तिवारी, स्वामी चिदानंद सरस्वती, डा. चिन्मय पांडेय, मुनि श्री सागर महाराज, स्वामी भारत भूषण, डा. विश्वास मंडालिक, ब्रह्मकुमारी की सिस्टर बीके शिवानी, एस. श्रीधरन और ए. रोजी शामिल हैं।
इस मौके पर भारतीय डाक विभाग एक स्पेशल कैंसिलेशन स्टैंप जारी करेगा। इसका इस्तेमाल 21 जून को बुक होने वाली सभी डाक पर किया जाएगा। योग दिवस ने इस बात पर जोर दिया कि जीवन की कठोरता से कम से कम घर्षण के साथ गुजरने के लिए शारीरिक और मानसिक लचीलेपन का निर्माण महत्वपूर्ण है।
योग सही जीवन जीने का विज्ञान
योग प्रशिक्षक व प्राकृतिक चिकित्सक के अनुसार योग हमारी बहुमूल्य विरासत है। यह आज की आवश्यकता है तो कल की संस्कृति भी। योग सही जीवन जीने का विज्ञान है। इसे आत्मसात करें। व्यवहार में लाएं। दिवस मात्र तक न सीमित करें।