- शासन स्तर पर शुरू हुए 28 जिलों वाले अभियान में शामिल नहीं है गाजियाबाद
- स्थानीय स्तर पर आशा-एएनएम को ड्यू लिस्ट तैयार कर टीके लगाने के निर्देश
गाजियाबाद। विभिन्न गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग बच्चों का नियमित टीकाकरण निशुल्क करता है, लेकिन किसी कारण से कोई बच्चा टीकाकरण से छूट जाता है तो समय-समय पर छूए हुए बच्चों का भी टीकाकरण किया जाता है। फिलहाल शासन के आदेश पर सूबे के 28 जिलों में छूटे बच्चों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा, गाजियाबाद जनपद इन 28 जिलों में शामिल नहीं है, फिर भी स्थानीय स्तर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डा. नीरज अग्रवाल की ओर से आशा और एएनएम को टीकाकरण से छूटे बच्चों की ड्यू लिस्ट तैयार कर एक सप्ताह में टीकाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीआईओ डा. अग्रवाल ने बताया कि शासन स्तर से केवल 28 अति संवेदनशील जिलों में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर के निर्देशन में जिला स्तर पर टीकाकरण से छूटे बच्चों की ड्यू लिस्ट तैयार कर एक सप्ताह में नियमित टीकाकरण पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने जनपद वासियों से अपील की है कि बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं, टीकाकरण से जीवन भर बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा होती है। कई गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है।
उन्होंने बताया कि समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक/ प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम सुचारू रूप से चलाने के ?साथ ही जरूरत होने पर अतिरिक्त टीकाकरण सत्र आयोजित कर शत-प्रतिशत बच्चों के प्रतिरक्षण का कार्य पूरा करें।
पल्स पोलियो अभियान के लिए टास्क फोर्स की बैठक कल
जनपद में 18 सितंबर से पल्स पोलियो अभियान शुरू होगा। अभियान के दौरान शून्य से पांच वर्ष तक के 7.67 लाख बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाई जाएंगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डा. नीरज अग्रवाल ने बताया शुक्रवार को पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए जिला टास्क फोर्स (डीटीएफ) की बैठक होगी। उन्होंने बताया जनपद में 27 पोलियो यूनिट हैं। इन सभी को शनिवार तक माइक्रोप्लान तैयार कर जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। 18 सितंबर को सत्र आयोजित कर पोलियो की दवा पिलाई जाएगी, उसके बाद टीम घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगी।