- वाराणसी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का सीएम योगी ने किया दौरा
- बाढ़ की स्थिति, राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की
- मुख्यमंत्री ने सरैया स्थित बाढ़ राहत केंद्र में रह रहे लोगों से मुलाकात की
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों के लिए किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया तथा उनसे बातचीत की। उन्होंने राजघाट से एनडीआरएफ के मोटर बोट से पुराना पुल तक भ्रमण कर गंगा नदी एवं वरुणा नदी के बढ़े हुए जल स्तर का मुआयना किया। इसके बाद उन्होंने सरैया स्थित आलिया गार्डन में बनाए गए बाढ़ राहत केंद्र में रह रहे लोगों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने मौके पर अधिकारियों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि बाढ़ पीड़ितों की हर सम्भव मदद की जाए। जेपी मेहता इंटर कॉलेज राहत केंद्र पहुंचकर वहां पर रह रहे बाढ़ प्रभावितों से बातचीत कर उन्हें मिल रही राहत सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के पैकेट उपलब्ध कराए। इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मवेशियों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने 20 मिनी पोर्टेबल एवं तीन बड़ी फॉगिंग मशीन कर्मियों के ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने जनपद वाराणसी के सर्किट हाउस सभागार में बाढ़ की स्थिति, राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा मिजार्पुर, भदोही व चंदौली जनपद में बाढ़ की स्थिति एवं राहत कार्यों की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना काल में कमांड कंट्रोल रूम का अच्छा उपयोग हुआ था, इसे बाढ़ राहत, सूचना के आदान-प्रदान में उपयोग कर सकते हैं। सितंबर माह तक बाढ़ के खतरे से अलर्ट रहें। राहत सामग्री वितरण में जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए। जिन्हें जरूरत हों, उनके लिए एलपीजी सिलेंडर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ व पीएसी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात रहे। लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाए। पर्याप्त मात्रा में बाढ़ चौकियों की स्थापना की जाए। लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए जाएं। विद्युत आपूर्ति के अभाव में पेट्रोमेक्स व जेनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बाढ़ राहत शिविरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला आरक्षी तैनाती की जाएं। बाढ़ का पानी कम होने पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। बाढ़ प्रभावितों को हर हाल में समय पर राहत सुनिश्चित की जाए। खाद्यान्न की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। बाढ़ पीड़ितों को फूड पैकेट्स वितरित किए जाएं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में लोगों को गर्म पानी के सेवन के लिए जागरूक किया जाए। बाढ़ से सांप, जहरीले कीड़े, कुत्तों की समस्या के दृष्टिगत एंटी स्नेक वेनम, एंटी रेबीज वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था रहे। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों से सहानुभूतिपूर्वक व संवेदनशीलता से पेश आयें। कोई बाढ़ पीड़ित व्यक्ति राहत सामग्री से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वाराणसी में पुलिस द्वारा 42 नावें संचालित हैं। 25 सब इंस्पेक्टर 100 सिपाही वायरलेस सेट के साथ चौकसी व राउंड कर रहे हैं। बाढ़ से कुल 161 गांव व वॉर्ड प्रभावित हुए हैं, जिसमें 39,490 आबादी प्रभावित हुई है। 22 बाढ़ राहत केंद्र संचालित हैं, जिनमें 3,237 लोग रुके हैं। 111 नावें लोगों की सहायता में लगी हुई है।