गाजियाबाद। अमेरिका द्वारा कोविड-19 वैक्सीन की व्यस्कों में बूस्टर डोज को मान्यता दे दी गई और अमेरिका में इसे लगाना जल्दी शुरू कर दिया जाएगा। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के वरिष्ठ कोविड-19 रोग विशेषज्ञ एवं श्वाँस रोग क्रिटिकल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्जुन खन्ना ने अमेरिका के इस कदम की सराहना करते हुए सभी से भारत में भी आग्रह किया है कि भारत में भी कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर डोज लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो सबसे ज्यादा खतरे में लोग हैं जिनमें हेल्थ केयर वर्कर, सीनियर सिटीजन एवं जिन्हें पहले से बीमारियां हैं, उन्हें सबसे पहले बूस्टर डोज लगनी चाहिए,जिस प्रकार से भारत में वैक्सीन भी पहले उन्हें ही लगाई गई थी ।
डॉक्टर अर्जुन खन्ना ने बताया कि बूस्टर डोज वह होती है जिनमें कोविड-19 वैक्सीन की दोनों प्राइमरी एवं सेकेंडरी डोज लग चुकी होती हैं और उसके बाद सामान्यत: 6 से 9 महीने के अंदर टीके की एक अतिरिक्त डोज लगाई जाती है उसे बूस्टर डोज कहते हैं। डॉ. खन्ना ने बताया कि बूस्टर डोज लगाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हमें कोविड-19 वैक्सीन काम करती है पर वह कितने लंबे समय तक काम करती है यह हमें नहीं पता और कोविड-19 बीमारी के बारे में भी बहुत ही अनिश्चितता है कि वह कब किस रूप में आ जाएगी या विकराल रूप धारण कर लेगी यह हमें नहीं पता। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बूस्टर डोज के अलावा बच्चों के लिए भी वैक्सीन अब विदेशों में अमेरिका एवं इंग्लैंड व अन्य पश्चिमी देशों में लगाई जा रही है ऐसे में भारत सरकार को भी बच्चों के लिए वैक्सीन लेकर आना चाहिए और उसे जल्दी मंजूरी देनी चाहिए।