लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में राजस्व विभाग के कार्यों तथा उपलब्ध मानव संसाधन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग और राजस्व परिषद में काम के बदलते स्वरूप और अधिकता को देखते हुए दक्ष युवाओं की तैनाती की जानी चाहिए। उन्होंने लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार के साथ-साथ लिपिकीय संवर्ग के सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए तत्काल प्रक्रिया प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक जैसे पदों के लिए जहां पदोन्नति लम्बित है, वहां तत्काल प्रक्रिया पूरी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग सीधे तौर पर आमजन से जुड़ा हुआ है। आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों से लेकर पैमाइश, नामांकन, घरौनी, खतौनी, सर्वे, पट्टा सहित अनेक महत्वपूर्ण प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण हो सके, इसके लिए न केवल विभाग के रिक्त पदों पर नई नियुक्ति की आवश्यकता है, बल्कि आवश्यकतानुसार नवीन पदों का सृजन भी किया जाए। उन्होंने राजस्व परिषद के अंतर्गत बन्दोबस्त आयुक्त (ग्रामीण) बन्दोबस्त आयुक्त (नगरीय) तथा निदेशक प्रशिक्षण का नवीन पद सृजित करने की भी आवश्यकता बतायी। नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए तहसील, जिला, मण्डल और राजस्व परिषद में आईटी में दक्ष लोगों की तैनाती की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन के कार्यों में राजस्व विभाग के कार्मिकों को प्राय: फील्ड विजिट करना पड़ता है। ऐसे में यह उचित होगा कि लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को वाहन भत्ता दिया जाना चाहिए। इसी तरह नायब तहसीलदार की कार्यक्षमता में बढ़ोत्तरी के लिए उन्हें चार पहिया वाहन की उपलब्धता करायी जाए। साथ ही, जीपीएस से सम्बन्धित राजस्व कार्यों के बेहतर सम्पादन के लिए लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को नए टैबलेट भी उपलब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आमजन से जुड़े कार्यों को समयबद्धता के साथ मेरिट के आधार पर निस्तारित किया जाए। अनावश्यक कहीं भी कोई प्रकरण लम्बित न रहे। उन्होंने राजस्व कार्मिकों के प्रशिक्षण पर जोर देते हुए राजा टोडरमल सर्वेक्षण भूलेख प्रशिक्षण संस्थान, हरदोई में आधारभूत अवसंरचना को और बेहतर करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभाग स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर अग्रेतर कार्यवाही की जाएगी।