कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में करें मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना हेतु आवेदन

गाजियाबाद। एडीएम एफ/आर सौरभ भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांग होने की स्थिति में उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना संचालित है। यह योजना उत्तर प्रदेश के निवासी ऐसे कृषकों के लिए है, जो दुर्घटनावश मृत/दिव्यांग हो जाते हैं। योजना का लाभ लेने हेतु कृषक की मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि को उसकी आयु 18 से 70 वर्ष तक हो। इस योजना के अन्तर्गत आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करन्ट लगने, सॉप के काटने, जीव-जन्तु /जानवर द्वारा काटने/ मारने / आक्रमण से, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने, आंधी-तूफान, वृक्ष से गिरने/दबने, मकान गिरने, रेल/रोड/वायुयान/अन्य वाहन आदि से दुर्घटना, भू- स्खलन, भूकंप, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैम्बर में गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता होती है, तो कृषक/विधिक वारिस / वारिसों को आर्थिक सहायता अनुमन्य होगी। इस योजना के अन्तर्गत कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5,00,000/- (रुपए पांच लाख मात्र) की सहायता राशि नियमों के अन्तर्गत देय होगी, जो कि राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी। कृषक/विधिक वारिस / वारिसों को योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ यथा वांछित साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अवधि में कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु अथवा दिव्यांगता होने के डेढ़ माह (45 दिन) की अवधि में सम्बन्धित तहसील कार्यालय में जमा करना होगा। इस आवेदन को बोर्ड आफ रेवेनुए राजस्व परिषद की वेबसाइट https://bor.up.nic.in से आनलाइन भी किया जा सकता है।