गाजियाबाद। वसुंधरा सेक्टर-12 की ग्रीन बेल्ट और परमानंद वाटिका के आसपास से झुग्गियां नहीं हटाई जा रही हैं। जिसके कारण ग्रीन बेल्ट की मुख्य सड़क से निकलना मुश्किल हो रहा है। आरोप है कि निगम के उद्यान विभाग में इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। जनसुनवाई पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन समस्या जस की तस है। फ्रेंड्स को-आॅपरेटिव सोसायटी, सेक्टर-12, वसुंधरा निवासी डॉ. धीरज कुमार भार्गव ने बताया कि ग्रीन बेल्ट की झुग्गी में रहने वाले लोग बिजली चोरी कर हीटर, पंखा, प्रेस चलाकर राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रीन बेल्ट पर दुकानें बना ली हैं और रोजमर्रा के काम के लिए निगम के सबमर्सिबल का पानी इस्तेमाल करते हैं। आरोप है निगम का उद्यान विभाग झुग्गी झोपड़ी को हटाने के लिए कोई अभियान नहीं चला रहा है। डॉ. धीरज भार्गव का कहना है कि डेढ़ साल पहले ग्रीन बेल्ट पर महज एक झुग्गी थी और आज इनकी संख्या 40 के करीब पहुंच गई है। झुग्गी में रहने वाले लोगों ने ग्रीन बेल्ट को बदहाल कर दिया है। ग्रीन बेल्ट पर गंदगी करते हैं और खुलेआम नहाने-धोने का काम करते है। इससे आसपास के लोग ग्लानि महसूस कर रहे हैं। डॉ. भार्गव का कहना है प्रदेश सरकार व निगम द्वारा एक तरफ तो पर्यावरण को हरा भरा करने के लिए पौधरोपण अभियान चलाया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ निगम कर्मियों की लापरवाही से ग्रीन बेल्ट बदहाल होने लगी है। ग्रीन बेल्ट को हराभरा करने के लिए आरएचएम फाउंडेशन तुलसी, आंवला, नीम, अशोक, अमरूद, कनेर आदि के 500 से अधिक पौधे निजी खर्च पर लगवा चुका है। समय-समय पर इनकी देखभाल भी की जा रही है। लेकिन झुग्गी झोपड़ी के अतिक्रमण से समस्या आ रही है। झुग्गी झोपड़ी के कारण आसपास का माहौल खराब हो रहा है। फिलहाल, निगम अधिकारियों से मांग है कि ग्रीन बेल्ट व परमानंद वाटिका से अतिक्रमण हटाकर इसको हरा-भरा कराया जाए।