गाजियाबाद। सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल की बुलंदशहर रोड शाखा के आडिटोरियम में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए कक्षा पांच के विद्यार्थियों के लिए हिन्दी कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का मुख्य विषय था भारत के भारत रत्न। विद्यार्थियों ने भारत के भारत रत्न महाकाव्य संग्रह से कविताओं का चयन किया था। कार्यक्रम के मुख्य अंतरराष्टÑीय शब्द सृजन संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष डाक्टर राजीव कुमार पांडे एवं महासचिव ओंकार त्रिपाठी के प्रयासों से काव्य संग्रह प्राप्त हुआ। इस महाकाव्य में आनलाइन प्रसारण भी हुआ जिसके अंतर्गत भारत सहित विश्व के बीस देशों के तीस एक कवि एवं एक कवियित्रों ने 12 घंटों के अंतर्गत अपनी स्वरचित कविताओं से फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी आवाज में लाखों दर्शकों तक पहुंचाया।
विद्यार्थियों ने ओमकार त्रिपाठी द्वारा रचित कविता अटल बिहारी वाजपेयी, डा.माला कपूर द्वारा रचित महर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की कविता आनंद कुमार मित्तल द्वारा रचित पंडित भीमसेन जोशी जैसे महान कवियों की कीर्ति का बखान कर एक से एक बढ़कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अनूठे आयोजन को फर्स्ट आनलाइन पाइंट्री आन द थीम आफ भारत रत्न शीर्षक के अंतर्गत गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इस कविता पाठ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य था विद्यार्थियों को अपने देश की उन महान विभूतियों से परिचित कराना, महान विभूतियों की जीवनी से अवगत कराना, देश के प्रति जागरुक करना जिन्होंने विज्ञान कला सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भारत को बुलंदियों तक पहुंचाया। इस अवसर पर डा.राजीव पांडेय एवं ओंकार त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को बताया कि भारत के भारत रत्न महाकाव्य संग्रह उनके लिए एक प्रेरणा हैं। जीता जागता उदाहरण है। बच्चे भारत के भविष्य के कर्णधार हैं। भारत भाग्य विधाता हैं। रत्नों की खान हैं। उन्हें भी भारत के भारत रत्नों की तरह विश्व में भारत की परचम पताका को ऊंचाइयों तक फहराना है। इस कार्यक्रम की सफलता का श्रेय प्रधानाचार्य डा. माला कपूर को जाता है। उनके मार्गदर्शन में ही विद्यार्थियों को अपने अंदर छिपी उच्च कोटि की कव्य प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला। उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों को मुसीबतों से घबराते हुए भारत रत्न विजेता महानुभावों के कर्म पथ पर बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर स्कूल की उपप्रधानाचार्य डा.मंगला वेद, हेड एकेडमिक एंड एक्सीलेंस झरना आनंद ने विद्यार्थियों के इस प्रयास की सराहना की।