- ओलंपिक दिवस पर खिलाड़ियों के शिक्षकों की हालत पर सरकार गंभीर नहीं: सतेन्द्र यादव
गाजियाबाद। आज ओलंपिक दिवस है। आज ही के दिन 1856 में ओलंपिक खेलों की शुरूआत हुई थी। सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभास पार्टी) की खेलकूद प्रकोष्ठ की एक विशेष बैठक जिला अध्यक्ष खेलकूद प्रकोष्ठ सचिन त्यागी के नेतृत्व में आयोजित की गई। इसमें स्कूलों में कार्यरत शारीरिक शिक्षक, क्रीड़ा कोच व विभिन्न स्टेडियमों में कार्यरत कोच, खेलकूद एकेडमी चलाने वाले क्रीड़ा कोचों की आजीविका पर चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि खेलकूद प्रशिक्षण अर्थात खेलकूद कोच हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। इनके बिना हमारे शारीरिक व मानसिक विकास संभव नहीं हंै, हमें अपने कोचों की सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए। सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के संयोजक सतेन्द्र यादव ने कहा कि एक तरफ हम आज ओलंपिक दिवस मना रहे हैं और दूसरी तरफ ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को भेजने वाले कोच, उनके ट्रेनर, खिलाड़ियों के शिक्षकों की बुरी हालत है। इस तरफ हम लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। जहां धीरे-धीरे सभी गतिविधियों को लाकडाउन के बाद शुरू कर दिया गया है वहीं आज भी स्वास्थ्य और स्वास्थ के रखवाले शिक्षक कोचों के लिए दरवाजे आज भी बंद रखे गए हैं, जबकि सर्वप्रथम हमें व्यायाम, क्रीड़ा, खेलकूद आदि को प्रारंभ कराना था जिससे कि हमारा शरीर मजबूत होता और हमारी इम्यूनिटी पावर बढ़ती है जबकि हो उल्टा रहा है। सर्वप्रथम सरकार द्वारा शराब की दुकानें खोली गईं। बैठक की अध्यक्षता करते हुए सुभाष पार्टी के खेलकूद प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सचिन त्यागी ने कहा कि हमारे भारत में बहुत सारे खेल प्रशिक्षक हैं जिनकी रोजी रोटी उनके स्कूल या क्लब चलने से चलती है परंतु आज फिर से सरकार की तरफ से एक आदेश आया है कि जिमखाने, खेल की सभी स्टेडियम खेल संस्थान बंद रखे गए हैं। खेल के कोच देश का हिस्सा हैं, खेल के किसी भी कोच को किसी ने नहीं पूछा कि कोई दिक्कत तो नहीं है। किसी ने भी खेल शिक्षकों के लिए कूच नहीं किया। हमारे भी बच्चे हैं, हमें भी भूख लगती है। जिन स्कूल में कोच शिक्षक काम करते हंै उन स्कूल वालों ने ये बोलकर निकाल दिया कि अभी स्कूल बंद है, आॅनलाइन क्लास चल रही हैं। अभी खेलों की जरूरत नहीं है जबकि छात्रों से फीस वसूली जा रही है, हमारी कराटे अकादमी है। उस अकादमी के मालिक बोलते हंै खाली कर दो जिसको हमने अपना खून पसीना बहाकर बनाया उसकी पहचान बनाई अब उसे बर्बाद होता कैसे देख सकते हैं। पिछले साल भी बेरोजगार कर दिया, इस साल भी आखिर जाएं तो कहां जाए, खेलों के टीचर आखिर क्या करें । हम सभी खेल प्रशिक्षक इस बैठक के माध्य्म से खेल प्रशिक्षकों की परेशानी सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं और सरकार से गुजारिश करना चाहते हैं कि अपना ध्यान खेल प्रशिक्षको की ओर भी दें, इनके हित में प्रत्येक प्रशिक्षक को परिवार चलाने के लिए अनुदान राशि प्रदान करें क्योंकि ये देश के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते और भारत के झंडे को दूसरे देशों में ऊंचा करके आते हैं। बैठक को संबंधित करते हुए क्रोसबो शूटिंग एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कौशिक ने कहा कि एक सैनिक और दूसरे खिलाड़ी ही ऐसे दो शख्स हैं जो देश का झंडा बुलंद करने के लिए जी जान लगा देते है और यहां पर खिलाड़ियों को तराशने वाले उनके गुरुओं को भूखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया गया है। बैठक मे मुख्य रूप से गाजियाबाद क्राटे कोच नरेन्द्र सिंह, राजकुमार चौहान, कुशन सिंह रावत, चैतन्य हजारिका, मुसकान अंसारी, राजकुमार, प्रिया सिंह, राजीव मुंडेवाल, तुषार सिंह आदि उपस्थित रहे।