मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की बैठक आयोजित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 166वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवम्बर तक 972 करोड़ रुपये से अधिक की आय मंडी परिषद को हुई है, जो कि पिछले वित्तीय वर्षों के सापेक्ष अच्छी प्रगति दर्शाता है। हमें इस वित्तीय वर्ष 1500 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नीतिगत प्रयास किए जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती को प्रोत्सहित करने के लिए भी योजनाबद्ध रीति से कार्य किया जा रहा है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इसके लिए राजधानी लखनऊ में एग्री मॉल स्थापित किया जाना आवश्यक है। यहां किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे। उपभोक्ताओं के लिए अच्छी गुणवत्ता के फल, सब्जियां और खाद्यान्न उपलब्ध होंगे। एग्री मॉल में किसानों के विश्राम के लिए आवश्यक सुविधाएं हों। गोमतीनगर के विकल्प खंड में उपलब्ध लगभग 8000 वर्गमीटर भूमि, 7 मंजिला आधुनिक एग्री मॉल की स्थापना के लिए उचित होगा। मॉल में किसानों व खरीदारों के वाहनों की पार्किंग के लिए समुचित व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कार्य मे टिशू कल्चर तकनीक के प्रयोग के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश में इस तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए अयोध्या में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जानी चहिए। इस सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। कृषि उपजों की ई-नीलामी या डिजिटल प्लेटफॉर्म सर्विस प्रोवाइडर हेतु लाइसेंस बनवाने के लिए मंडी नियमावली में यथा आवश्यक संशोधन किया जाए। निजी क्षेत्र की सहभगिता किसानों को एक नया विकल्प देगी, साथ ही मंडी परिषद की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी परिषद एवं मंडी समितियों के अधिकारियों व कर्मचारियों को नियमानुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए पूर्व में प्रचलित व्यवस्था के अनुरूप निजी/सरकारी चिकित्सालयों में इलाज कराने एवं शासकीय दरों पर प्रतिपूर्ति/भुगतान की सुविधा दी जाए। यह व्यवस्था अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अत्यन्त उपयोगी होगी। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नियोजित प्रयास कर रही है। अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जैविक और प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित कराए जाएं। चरणबद्ध रूप से कृषि विज्ञान केन्द्रों पर टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएं। इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। मंडी परिषद की सहायता से प्रदेश के बांदा, कानपुर और कुमारगंज (अयोध्या) के कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। यह अच्छा प्रयास है। ऐसे प्रयास आगे भी जारी रखना चाहिए।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री को कृषि मंत्री द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती हेतु गुरुकुल फार्म के भ्रमण के निष्कर्षों को एक पुस्तक के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, निदेशक मंडी परिषद अंजनी कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।