- 17 से 31 अक्टूबर तक चला अभियान, बुखार के 1251 मामले खोजे
- 1121 बुखार पीड़ितों की मलेरिया स्लाइड बनीं, तीन पॉजिटिव मिले
- गृह भ्रमण के दौरान 2.10 लाख से अधिक घरों में गईं आशा कार्यकर्ता
- जिले में नौ कुपोषित बच्चे खोजे गए, छह को उपचार के लिए रेफर किया
गाजियाबाद। विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह के अंतर्गत दूसरे पखवाड़े में आयोजित दस्तक अभियान की रैंकिंग में जनपद पूरे सूबे में चौथे स्थान पर आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधार ने बताया कि 17 से 31 अक्टूबर तक संचालित दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकतार्ओं के द्वारा करीब 2.10 लाख घरों का भ्रमण किया गया। गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकतार्ओं ने जिले में 1251 बुखार के रोगी खोजे। इन सभी को उपचार उपलब्ध कराया गया। बुखार रोगियों में 1121 की मलेरिया स्लाइड तैयार कराकर जांच की गई। जांच में तीन मलेरिया रोगियों की पुष्टि हुई। इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) लक्षण युक्त 21 बुखार रोगियों की कोविड जांच कराई गई लेकिन जनपद में कोविड के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डा. आरके गुप्ता ने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान 161 वीएचएसएनसी (ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति), 161 मातृ बैठक और इतने ही वीएचएनडी (ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस) आयोजित किए गए, जो लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत रहे। जनपद में दिमागी बुखार पर चर्चा के लिए स्वयं सहायता समूहों की 158 बैठकों का आयोजन किया गया। डीएसओ ने बताया- डिप्थीरिया की रोकथाम के लिए जनपद में 10 नवंबर तक स्कूल आधारित टीकाकरण अभियान संचालित है, इस अभियान के दौरान भी संचारी रोगों से बचाव के लिए शिक्षकों और बच्चों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा हर बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर भी संचारी रोगों से बचाव के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया – संचारी रोगों से बचाव के लिए अभी कुछ दिन और विशेष सतर्कता की जरूरत है। मौसम ठंडा होने के साथ ही मच्छर कम हो जाएंगे और मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी नहीं रहेगा। अभी एहतियात जारी रखें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के अंदर और आसपास जलजमाव न होने दें।