लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सप्ताह तक संचालित होने वाले स्वच्छता महाभियान का शुभारम्भ करते हुए कहा कि यह अभियान 12 सितम्बर तक आयोजित किया जाएगा। गोरखपुर के रैम्पस स्कूल, शाहपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें स्वच्छता को संस्कार बनाना होगा। इसे अपने मनोभाव से जोड़ना होगा। यह मनोभाव अपने घर के साथ ही वॉर्ड, शहर, गांव और सम्पूर्ण प्रदेश तक स्वच्छता के प्रति होना चाहिए। यदि हम स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे तो बीमारियां दूर रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संचारी रोगों, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा, डायरिया आदि के रोकथाम के लिए इस स्वच्छता महाभियान का शुभारम्भ किया गया है। इसमें सफाई, जल निकासी, सेनिटाइजेशन, फॉगिंग, छिड़काव जैसे कार्य किए जाएंगे। साथ ही, पेयजल की शुद्धता का ध्यान रखने के लिए क्लोरीन की टैबलेट भी वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह कोरोना काल में निगरानी समितियों ने बेहतर काम किया, उसी प्रकार स्थानीय, वॉर्ड स्तर पर स्वच्छता समितियां बनाकर हर नागरिक को स्वच्छता अभियान से जोड़ा जाए। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने घर का कूड़ा नाली या सड़क पर न फेंके, इसे नियत स्थान पर रखे कूड़ेदान में ही डालें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1977-78 से 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में बच्चे इंसेफेलाइटिस के कारण जान गंवा देते थे। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान का शुभारम्भ करते हुए स्वच्छता का मंत्र दिया। सफाई के प्रति जागरूकता के इस पवित्र अभियान के परिणाम सबके सामने हैं। हर घर में शौचालय होने से परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौत न्यूनतम स्तर पर है और यह बीमारी लगभग समाप्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश एक समय इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का गढ़ बन चुका था, दूसरी तरफ मच्छर और गंदगी से अव्यवस्था फैली हुई थी। आज हम स्वच्छता सम्बन्धी जागरूकता से बीमारियों पर काबू पाने के साथ ही यहां विकास की नई इबारत लिखते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में हुई भारी बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। समय से बचाव के उपाय होने से अधिकांश क्षेत्र बाढ़ से बच गए, लेकिन नदियों का जलस्तर बढ़ने के चलते रेगुलेटर बंद करने पड़े, जिसकी वजह से शहर के कुछ इलाकों में जल-जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई। उन्होंने कहा कि शहर में जल-जमाव की समस्या का समाधान निकालने के लिए लोक निर्माण विभाग, गोरखपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम की समन्वित टीम बनाई गई है। इस टीम को तत्काल जल-जमाव के अस्थायी और स्थायी समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। यह समाधान नए मोहल्लों समेत पूरे शहर के लिए होगा। उन्होंने कहा कि सड़क के साथ ही नाली बनायी जाए, तो जल निकासी की समस्या नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सफाईकर्मी खुद की चिंता किए बगैर अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से आप सबके घर और नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में लगे रहते हैं। स्वस्थ जीवन की परिकल्पना को साकार करने में इनका बड़ा योगदान है। चाहे इनका खुद का स्वास्थ्य कैसा हो, यह नगर के स्वास्थ्य को ठीक रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि सफाईकर्मी स्वच्छता के लिए नींव का पत्थर हैं।
कार्यक्रम में महापौर एवं नगर विधायक ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए आश्वस्त किया कि इस अभियान में नगर निगम के साथ मिलकर अभियान को सफल बनाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले सफाईकर्मियों को उपहार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने स्वच्छता महाअभियान में शामिल सफाईकर्मियों की टोली को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके उपरान्त उन्होंने राप्तीनगर के डॉक्टर इन्क्लेव के जल जमाव का निरीक्षण करके जल निकासी के लिये समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।