- बृहद स्तर पर स्क्रीनिंग और जांच के लिए लिया जा रहा सीएचओ का सहयोग
- क्षय रोगी खोजने के लिए निजी चिकित्सकों का भी किया जा रहा संवेदीकरण
हापुड़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का संकल्प पूरा करने के लिए जिला क्षय रोग विभाग पूरी तरह सक्रिय है। इसके लिए एक ओर जहां क्षय रोगी के संपर्क में रहने वालों की स्क्रीनिंग और टीबी जांच की जा रही है। सीधे संपर्क में रहने वाले सभी लोगों को प्रीवेंटिव थेरेपी दी जा रही है। संपर्कों की पहचान और स्क्रीनिंग के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) आशा कार्यकर्तार्ओं और एएनएम के सहयोग से विशेष क्षय रोगी खोज अभियान चला रहे हैं। यह 23 अगस्त से शुरू हुआ यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया – क्षय रोगी खोज अभियान के तहत सक्रिय रोगियों के संपर्कों की जांच, स्क्रीनिंग की जा रही है। बृहद स्तर पर स्क्रीनिंग के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का सहयोग लिया जा रहा है। स्क्रीनिंग के दौरान यदि कोई टीबी से मिलते जुलते लक्षण वाला व्यक्ति नजर आता है तो उसकी बलगम जांच कराई जाती है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उसका तत्काल उपचार शुरू कर दिया जाता है। इसके अलावा जिस घर में टीबी का रोगी पाया जाता है उसके परिवार वालों और संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की भी जांच की जाती है। जांच में किसी संपर्कवाले को टीबी की पुष्टि न भी हो, तो भी टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) जरूर दी जाती है। डा. सिंह ने बताया क्षय रोगियों को उपचार की ही तरह प्रीवेंटिव थेरेपी भी निशुल्क दी जाती हैं, जिससे उन्हें भविष्य में टीबी न हो। टीबी को फैलने से रोकने में टीपीटी काफी कारगर है। डीटीओ ने बताया दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसी में बलगम या खून आना, शाम के समय बुखार रहना, वजन कम होना और सीने में दर्द आदि टीबी के लक्षण हो सकते हैं। लक्षण आने पर टीबी की निशुल्क जांच कराएं और भारत को क्षय रोग मुक्त करने में भागीदार बनें।
भाजपा जिलाध्यक्ष से सहयोग की अपील की
क्षय रोग विभाग की टीम बृहस्पतिवार को भाजपा के जिलाध्यक्ष एडवोकेट उमेश राणा से मिली और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी देने के साथ ही सामुदायिक स्तर पर जागरुकता बढाने व क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए सक्षम संगठनों और व्यक्तियों को प्रेरित की अपील की। श्री राणा ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है। क्षय रोग विभाग की टीम में जिला डीटीओ डा. राजेश सिंह के नेतृत्व में जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा, जिला पीएमडीटी कोर्डिनेटर मनोज कुमार गौतम और पीपीएम कोर्डिनेटर सुशील चौधरी शामिल रहे।