- उत्तर स्कूल फार गर्ल्स में दो दिवसीय इंटर स्कूल यूथ थिंकर्स कन्वोकेशन का आयोजन
- मन में ठान लो तो पहाड़ को भी हटाया जा सकता है
- अच्छे समाज का निर्माण अच्छे संस्कारों से होता है: आकाश वशिष्ट
गाजियाबाद। उत्तम स्कूल फॉर गर्ल्स द्वारा दो दिवसीय इंटर स्कूल यूथ थिंकर्स कन्वोकेशन 2022 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली एनसीआर के 11 स्कूलों के लगभाग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पहले दिन कार्यक्रम के अतिथि पर्यावरणविज्ञ आकाश वशिष्ट रहे तो दूसरे दिन की अतिथि प्रोफेसर सीमा मिश्री थीं। आकाश वशिष्ट ने कहा कि अच्छे समाज का निर्माण अच्छे संस्कारों से होता है। विद्यार्थियों को व्यसन छोड़कर समाज और देश निर्माण में अहम योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मन ठान लिया जाए तो कोई कार्य कठिन नहीं होता है। पर्यावरण को लेकर उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी छात्राओं से साझा किया। उन्होंने कहा कि एनजीटी के माध्यम से कई मामलों में कार्रवाई तक हुई हैं। हरित क्षेत्र के लिए आज जो हम कर रहे हैं वह आने वाली पीढ़ी के लिए एक धरोहर होगी, उस धरोहर की आप सभी को सुरक्षा करना है। उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभव भी बताए। दूसरे दिन के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर सीमा मिश्रा ने कहा कि जीवन में शिक्षा का बड़ा महत्व है। उन्होंने उत्तम स्कूल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां छात्राओं को आत्मनिर्भर के लिए तैयार किया जाता है। शिक्षा के साथ समाज हित, पर्यावरण की सुरक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में छात्राओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई से लेकर बोर्ड, स्नातक, परास्नातक और डाक्टरेट तक की पढ़ाई के बारे में छात्राओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि जब उनकी शादी हुई तो उन्हें वैवाहिक जीवन के साथ ही समाज के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना भी थी। तभी उन्होंने गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ को हटाने की मुहिम शुरू की। सीमा मिश्रा ने कहा कि यह काम इतना आसान भी नहीं था लेकिन उन्होंने अकेले ही इस लड़ाई को शुरू किया और देखते ही देखते उनके साथ कारवां जुड़ता चला गया। दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर को भी मानना पड़ा कि यदि किसी कार्य को पूरी लगन के साथ किया जाए तो पहाड़ को हटाना मुश्किल काम नहीं है। प्रोफेसर सीमा मिश्रा ने उत्तम स्कूल की प्रिंसीपल शर्मिला मैम की तारीफ करते हुए कहा कि छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए जो उन्होंने मुहिम शुरू की है वह आने वाले भविष्य में पूरा भारत देखेगा। उन्होंने छात्राओं को सफलता के कई मंत्र भी दिए। उन्होंने कहा कि यह सोचकर नहीं बैठ जाना है कि यह काम होगा भी या नहीं, यदि होगा तो कब तक। उन्होंने छात्राओं से कहा कि कठिनाइयों से लड़कर ही जीता जाता है, हार मानने वाले जीवन में कभी सफल नहीं होते हैं। जीवन एक चुनौती है। रोज नई चुनौतियों का सामना करने की हमें आदत डालनी होगी। यह चुनौतियां घर में हो सकती हैं, स्कूल में हो सकती हैं या फिर नौकरी के दौरान हो सकती हैं। सीमा मिश्रा ने कहा कि गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ की निगाह दिल्ली जाने वाले लाखों लोगों की पड़ती हैं लेकिन कभी उन्होंने इसे हटाने की सोची तक नहीं। अधिकारी भी रोज निकलते हैं लेकिन उनके मन में भी कभी ख्याल नहीं आया कि इसका क्या समाधान हो सकता है। उन्होंने एक मेट्रो सिटी का उदाहरण देते हुए एक अधिकारी आशीष सिंह की तारीफ की जिन्होंने ऐसे ही कूड़े के ढेर को हटाकर उस क्षेत्र को हरा भरा बनाने का काम किया। दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर से एक नहीं बल्कि कई बार सवाल किए गए, आनलाइन पीटिशन डाली गर्इं। आखिर सफलता मिली और कूड़े के पहाड़ पर कूड़ा डालने का कार्य न केवल बंद हो सका बल्कि दो साल के भीतर उसकी ऊंचाई 40 फीट तक कम हो गई है। उन्होंने अपने भाषण से विद्यालय में उपस्थित सभी छात्र- छात्राओं को समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में छात्राओं ने पास्को, बुलिंग और एलजीबीटीक्यूआई प्लस समाज आदि विषयों पर चर्चा की गई,जिसमें सभी छात्रों द्वारा सामूहिक रिसर्च और प्रस्तुतिकरण इतना सराहनीय रहा कि उनके विचारों ने दर्शकों को इस विषय पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया। प्रधानाचार्य शर्मिला मैम ने आए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। सपना कौशिक, फराह खान आदि अध्यापिकाओं व स्कूल स्टाफ ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।