- मुझे कुछ नहीं चाहिए था, पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान जरूरी
- अखिलेश के पास मेरे से बात करने का समय नहीं
- मथुरा के वृंदावन से 12 से शुरू होगी सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा
लखनऊ। लगता है उत्तर प्रदेश में चाचा-भतीजे की जोड़ी अब एक नहीं पाएगी। चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच बातों का सिलसिला शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया है। इटावा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अब हम निकल पड़े हैं। 12 अक्तूबर से वृंदावन से सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा शुरू करके यूपी विधानसभा चुनाव का जयघोष शुरू किया जाएगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव न तो उनके फोन को रिसीव करते हैं और न ही मैसेज का कोई जवाब दे रहे हैं। अब और इंतजार नहीं करुंगा। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की कर्मभूमि से उनकी रथ यात्रा शुरू होगी। जिस तरह पांडवों ने महाभारत के युद्ध में केवल पांच गांव मांगे थे। पूरा राज्य उन पर छोड़ दिया था। इसी तरह उन्होंने भी अखिलेश यादव से अपने लिए कुछ नहीं मांगा था, सिर्फ कार्यकर्ताओं का सम्मान मांगा था। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का सम्मान बेहद जरूरी है। मुझे जबरदस्ती सपा से निकाल दिया गया। हमने और नेताजी ने किस तरह सपा को खड़ा किया था, पूरे देश जानता है। लेकिन हमने अलग होगा प्रगतिशील समाजवाद पार्टी बनाई। अब इस पार्टी में जो कार्यकर्ता हमसे जुड़े हैं हम उनके सम्मान को कभी ठेस नहीं पहुंचने देंगे।