देहरादून। ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की एसीपी की पुरानी व्यवस्था की बहाली और समान काम के लिए समान वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार देर रात से हड़ताल को टालने के लिए सचिवालय में दिनभर मशक्कत चलती रही। वहीं उत्तराखंड के तीनों निगमों के ऊर्जाकर्मियों की सचिव और फिर मुख्य सचिव से वार्ता विफल हो गई। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने सोमवार रात 12 बजे से हड़ताल शुरू कर दी। इसके तहत कर्मचारी बिजली से जुड़ी किसी भी गतिविधि में सहयोग नहीं करेंगे। उधर, शासन के उन्हें समझाने के लिए निगमों के निदेशकों का प्रतिनिधिमंडल दिनभर में हुई वार्ताओं के मिनट्स लेकर भेजा, जिस पर कर्मचारी संगठन राजी नहीं हुए। 14 सूत्रीय मांगों को लेकर यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल के 10 संगठनों के करीब 3500 बिजली कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन पर बैठें है। इसी के साथ मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया। यहां भी करीब चार घंटे तक वार्ता चली। वार्ता के बाद जहां शासन के अधिकारी हड़ताल न होने को लेकर आश्वस्त दिखे तो वहीं संयुक्त मोर्चा के तेवर तल्ख थे। मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने बताया कि वार्ता बेनतीजा रही। जिसके बाद अब समस्त बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी। इस हड़ताल में करीब 3500 बिजली कर्मचारी शामिल हो रहे हैं।