लखनऊ। जमीनी नेता एवं तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव अब इस दुनिया में नहीं रहे, उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। सुबह आठ से साढ़े बजे के करीब उनका निधन हुआ। मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दी। धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव 22 अगस्त से मेदांता में भर्ती थे, 2 अक्टूबर से लगातार लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर पर थे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार सैफई में होगा। अगले कुछ घंटों बाद उनका शव सैफई ले जाया जाएगा।
राजनीति में कदम रखने से पहले मुलायम कुश्ती लड़ा करते थे। एक बार उनके गुरु और पूर्व राज्यसभा सांसद उदय प्रताप ने बताया था कि मुलायम सिंह परीक्षा छोड़कर कुश्ती लड़ने चले जाते थे। 1960 में जब मुलायम सिंह कॉलेज में पढ़ते थे, तब कवि सम्मेलन के मंच पर दरोगा को एक युवा ने चित कर दिया। इस युवा का नाम था मुलायम सिंह यादव।
मुलायम सिंह ने आगे चलकर भारतीय राजनीति में 55 सालों तक अपने दांव-पेंच से विरोधियों को चित किया। समाजवाद के सहारे राजनीति करने वाले मुलायम सिंह के साथ कई विवाद भी जुड़े, लेकिन मुलायम पत्थर की तरह हर तूफान से टकराते रहे।