- आमजन तक जानकारी पहुंचाने में क्षय रोग विभाग की मदद की अपील
हापुड़। क्षय रोग उन्मूलन के लिए जन जागरूकता जरूरी है। अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानेंगे तो संक्रमित की जल्दी पहचान में मदद मिलेगी, जल्दी उपचार शुरू हो सकेगा तो टीबी का संक्रमण रूकेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने सदर विधायक विजयपाल आढ़ती से उनके आवास पर मुलाकात के दौरान क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की भी विस्तार से जानकारी दी। डीटीओ ने सदर विधायक से यह निवेदन भी किया कि जब भी उन्हें जनसमूह से रू-ब-रू होने का मौका मिले, टीबी के लक्षण और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी साझा कर जन जागरूकता लाने में क्षय रोग विभाग की मदद करें और 2025 तक टीबी मुक्त भारत के निर्माण में सहभागी बनें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने बताया – शासन से मिले निदेर्शों के मुताबिक जनप्रतिनिधियों को टीबी के लक्षणों और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी देनी है, इसी उद्देश्य से अपनी टीम के साथ उन्होंने सदर विधायक से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। इस दौरान डीटीओ के साथ जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर सुशील चौधरी और पीएमडीटी कोआॅर्डिनेटर मनोज गौतम भी मौजूद रहे। विधायक को डीटीओ ने बताया – दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसते समय बलगम या खून आना, थकान रहना, वजन कम होना, सीने में दर्द रहना, बुखार बने रहना, रात में सोते समय पसीना आना, यह सब टीबी के लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति में इनमें से कोई भी लक्षण हो तो उसे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निशुल्क टीबी जांच करानी चाहिए।
डीटीओ डा. सिंह ने विधायक को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि जांच में टीबी की पुष्टि होने पर क्षय रोग विभाग तत्काल टीबी का निशुल्क उपचार शुरू कर देता है। क्षय रोग विभाग के पास बेहतर उपचार उपलब्ध है। उपचार के दौरान रोगी को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपए का भगुतान रोगी के बैंक खाते में किया जाता है। इसके अलावा क्षय रोगियों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। यह संस्थाएं न केवल पुष्टाहार उपलब्ध कराती हैं बल्कि रोगी से मिलकर उसे भावनात्मक सहयोग भी देती हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आह्वान पर शुरू किए गए इस कार्यक्रम के बेहतर नतीजे सामने आ रहे हैं।