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हल्के में न लें जुखाम खांसी को, ये हो सकता है स्वाइन फ्लू

  • कोरोना के बीच नया खतरा: वायरल के साथ स्वाइन फ्लू भी पैर पसार रहा
    गाजियाबाद।
    अभी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खत्म भी नहीं हुई है और इसी बीच एक और घातक वायरस स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी में स्वाइन फ़्लू के मरीज आने शुरू हो गए हैं। हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एपी सिंह ने बताया कि मौसम में आए बदलाव यानी तापमान में गिरावट की वजह से मौसमी फ्लू घर-घर जा पहुंचा है। अस्पताल की ओपीडी में फ्लू के मरीज रोज बढ़ रहे हैं और इस समय डॉक्टर के सामने सबसे बड़ी चुनौती है लक्षण को पहचानकर इलाज करना। क्योंकि कोरोना, स्वाइन फ्लू और मौसमी फ्लू के अधिकांश लक्षण एक जैसे ही हैं। बढ़ते हुए स्वाइन फ़्लू को देखकर अब डॉक्टर अब फ्लू के संदिग्ध मरीजों का स्वाइन फ्लू और कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं। डॉ. ए.पी सिंह ने बताया कि उन व्यक्तियों को सबसे ज्यादा खतरा है जिन्हें लिवर, किडनी, टीबी, एचआईवी, एनिमिया, बीपी, शुगर की बीमारी है और इस के मरीजों के साथ-साथ बुजुर्ग व्यक्तियों, गर्भवतियों व बच्चों को सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉ.सिंह ने सभी नागरिकों से अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करें, जो सभी बीमारियों से बचाएगी। मास्क पहने, अनावश्यक घरों से न निकलें, भीड़-भाड़ में जाने से बचें, नियमित हाथ धोएं। स्वाइन फ्लू के मरीज मौसम बदलने या फिर कम तापमान में रिपोर्ट होते हैं। जो इस वक्त है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में खांसने, छींकने के जरिए यह वायरस तेजी से फैलता है। हालांकि कुछ सालों से कम मरीज मिलें हैं। मगर, खतरा है। सावधानी बरतना जरूरी है।
    स्वाइन फ़्लू के लक्षणों में सर्दी, जुखाम, खांसी, नाक बहना,बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नींद न आना, थकान लगना, सांस उखड़ऩा, गला सूखना, सिर दर्द मुख्य हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि मास्क का नियमित इस्तेमाल करें, स्वाइन फ़्लू से बचाव का यही एक कारगर उपाय है। सर्दी, जुखाम, खांसी होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। दवा लें। खूब पानी पीएं। गर्म पानी पीएं।

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