- ग्रेजुएशन के बाद 10वीं-12वीं के बच्चों को देनी शुरू कर दी कोचिंग
- कोविड के चलते कोचिंग सेंटर बंद हुआ तो कर ली एलटी की नौकरी
- स्किल इंडिया से किया एमएलटी का कोर्स आया काम
गाजियाबाद। विजयनगर निवासी शिवकुमार सक्सेना ने दिव्यांगता के आगे कभी हार नहीं मानी और न ही मन छोटा किया, बल्कि पूरे हौंसले से पहले अपनी पढ़ाई की। ग्रेजुएशन करने के बाद कोचिंग सेंटर शुरू कर दिया। शिवकुमार 10वीं और 12वीं के बच्चों को फिजिक्स पढ़ाते थे। इसी साथ उन्होंने स्किल इंडिया के तहत एमएलटी का कोर्स भी कर लिया। कोविड के चलते कोचिंग सेंटर बंद करना पड़ा तो जो आमदनी थी वह भी बंद हो गई। ऐसे में शिवकुमार ने हार मानने के बजाय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग को पत्र लिखकर जिला एमएमजी अस्पताल में लैब टेक्नीशियन (एलटी) की ट्रेनिंग कराने की दरखास्त की। यह बात 27 जुलाई 2021 की है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस पत्र को अपनी सिफारिश के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भवतोष शंखधर को भेज दिया।
सीएमओ ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए शिवकुमार को बुलवाया और बात की। उसकी कर्मठता देख सीएमओ ने आईडीएसपी में लैब टेक्नीशियन का काम शिवकुमार को दिया। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राकेश गुप्ता ने बताया शिवकुमार पूरी लगन से अपना काम करते हैं। आईडीएसपी में कोविड की जांच के लिए आने वाले नमूनों को लैब भेजने का काम वह बखूबी संभाल रहे हैं। स्टिक के सहारे चलने वाले शिवकुमार की इच्छा शक्ति और मधुर व्यवहार साथ काम करने वाले अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।
शिवकुमार का कहना है कि आईडीएसपी में काम करने वाले सभी लोग उसके साथ बड़े अच्छे से पेश आते हैं, इससे काम करने का उत्साह और बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी काम के प्रति शिवकुमार की लगन देखकर खासे प्रभावित हैं। डीएसओ डा. राकेश गुप्ता का कहना है, ऐसे बच्चों को देखकर बड़ी पुरानी कहावत जहां चाह, वहां राह एक बार फिर चरितार्थ हो गई है।