- जन्म पंजीकरण के आधार पर नए सिरे से लाइन लिस्टिंग के निर्देश दिए
- टीकाकरण में कोविड की तरह जनप्रतिनिधियों का लिया जाए सहयोग
गाजियाबाद। पांच वर्ष तक के बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए सात अगस्त से मिशन इंद्रधनुष-पांच (आईएमआई-5.0) शुरू होगा। यह अभियान टीकाकरण से छूटे बच्चों को प्रतिरक्षित करने के लिए है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिला टास्क फोर्स (डीटीएफ) की बैठक हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि टीकाकरण के लिए नए सिरे से लाइन लिस्टिंग की जाए। इसके लिए संबंधित विभाग से जन्म पंजीकरण का डेटा लें और फिर सर्वे कर टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती की ड्यू लिस्ट तैयार करें। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि जिलाधिकारी ने कोविड की तरह आईएमआई के लिए भी जिले से लेकर गांव और वार्ड स्तर के जनप्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जिलाधिकारी की ओर से सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजकर सहयोग मांगा जाएगा। जिलाधिकारी ने बैठक में पहुंचे मेडिकल आॅफिसर इंचार्ज (एमओआईसी) को निर्देश दिए हैं कि पूरी निष्ठा के साथ काम करते हुए स्वस्थ भारत के निर्माण में जुट जाएं। इस मौके पर एमओआईसी को ई-कवच पर सुपोषित और कुपोषित बच्चों के रेफरल की प्रक्रिया पूरी करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया। साथ ही निर्देश दिए गए कि अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र के लिए रेफर करने में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज अग्रवाल ने बताया कि आईएमआई के लिए यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की निगरानी में स्वास्थ्य विभाग सर्वे कर रहा है, अब तक टीकाकरण से छूटे 12 हजार बच्चे और तीन हजार गर्भवती चिन्हित की गई हैं। सर्वे का काम 28 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद तीन चरणों में बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण होगा। पहला चरण सात से 12 अगस्त तक, दूसरा चरण 11 से 16 सितंबर तक और तीसरा चरण नौ से 14 अक्टूबर तक चलेगा। बच्चों को बीमारियों से बचाए रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। नियमित टीकाकरण सात गंभीर बीमारियों खसरा, टिटनेस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस-बी से सुरक्षा प्रदान करता है। नियमित टीकाकरण न होने पर कोई भी बच्चा गंभीर रूप से बीमार पड़ सकता है।