- बेसिका शिक्षा को उच्च गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर की खुलकर चर्चा
- 2025 तक जिले के सभी स्कूल हो जाएंगे निपुण
गाजियाबाद। जिले के एक मात्र कम्यूनिटी रेडियो, हिन्ट रेडियो 90.40 मेगा हटर््ज के आरडीसी स्थित रेडियो स्टेशन के मुख्यालय पर गत दिवस खास मुलाकात कार्यक्रम में शिरकत करने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव आए। उन्होंने हिन्ट रेडियो के माध्यम से जिले के लोगों को जागरुक करने के लिए विषय विशेषज्ञों से की गई बातचीत के प्रसारण की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि हिन्ट रेडियो कम्यूनिटी बेस कार्यक्रमों का प्रसारण कर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाहन कर रहा है। हिन्ट रेडियो के निदेशक कमल सेखरी एवं प्रबंध निदेशक सामंत सेखरी द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव का स्वागत करते हुए बताया कि हिन्ट रेडियो का प्रसारण सुबह आठ बजे से रात्री नौ बजे तक किया जाता है। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, विशेष साक्षात्कार आदि कई जनपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण प्रतिदिन किया जाता है। बीएसए ओपी यादव ने रेडियो स्टेशन से होने वाले प्रसारण और तकनीकी जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने हिन्ट रेडियो द्वारा कम्यूनिटी को जागरुक करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की न केवल सराहना की बल्कि हिन्ट रेडियो के माध्यम से उन्होंने जिले में बेसिक शिक्षा की उच्च गुणवत्ता को लेकर जो कदम उठाए जा रहे हैं उस पर भी विस्तृत बातचीत की।
हिन्ट रेडियो के लिए कार्यक्रम की मेजबानी कर रही शिक्षाविद पूनम शर्मा ने बीएसए श्री यादव से प्राथमिक शिक्षा को लेकर कई सवाल किए। श्री यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा को लेकर चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा यानि कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी विद्यालयों, मान्यता प्राप्त विद्यालयों, सहायता प्राप्त विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा व सुविधाओं का लाभ समाज के हर तबके के बच्चों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश एवं प्रदेश की तरक्की का रास्ता शिक्षा के बिना अधूरा है। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 446 विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में लगभग 87 हजार छात्र-छात्राएं नामंकित है। इन नामांकित बच्चों को पढ़ाने के लिए 2137 शिक्षक नियुक्त हैं। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ निशुल्क यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तकें, मिड डे मील यानी दोपहर का भोजन भी दिया जा रहा है। भोजन स्कूल में ही शिक्षकों की निगरानी में तैयार किया जाता है। सप्ताह में एक दिन दूध व मौसम के अनुसार फल भी बच्चों को दिया जाता है। बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास को लेकर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखने के लिए वे किसी न किसी स्कूल में जाकर खुद भी भोजन को खाकर देखते हैं।
प्रदेश सरकार के निपुण भारत अभियान के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि साल 2025 तक जिले के सभी स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिले के सभी ब्लॉक में संचालित स्कूलों में छात्र-छात्राएं निपुण होंगे तो ब्लॉक निपुण होगा और ब्लॉक के सभी परीषदीय स्कूल निपुण होंगे तो जिला निपुण होगा।
उन्होंने दिव्यांग बच्चों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ने के लिए आने वाले दिव्यांग बच्चों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के साथ साथ उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि भी प्रदान की जा रही है। इस साल 180 दिव्यांग बच्चों को दो हजार प्रत्येक के हिसाब से एक लाख अस्सी हजार रुपए वितरित किए गए हैं। अति गंभीर दिव्यांग बच्चों को छह हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इसके अलावा ब्रेन लिपि के साथ साथ लो विजन किट भी उपलब्ध कराइ जाती है।
श्री यादव ने बालिकाओं की शिक्षा को लेकर बताया कि प्रदेश सरकार की तरफ से चलाये जा रहे मिशन शक्ति फेज-5 के तहत सुरक्षा , सम्मान और स्वावलम्बन में बालिकाओ को सशक्त करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सभी छात्राओं को किसी भी विषम परिस्थितयों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। विद्यालयों में मीणा मंच का गठन किया जा चुका है जिसके तहत सभी सरकारी अधिकारियों व आवश्यक तथा महत्वपूर्ण टोल फ्री फोन नंबर छात्राओं को उपलब्ध कराये गए हैं। प्रत्येक शनिवार को जीवन कौशल प्रशिक्षण गुड टच- बेड टच , बच्चियों के अधिकार और विभिन्न योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया जाता है ।
कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालयों के बारे में जानकारी देते हुए बताया उन्होंने बताया कि कक्षा 6 से बालिकाओं के लिए जिले में 4 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हैं जिसमें प्रत्येक विद्यालय में 100 बालिकाओं के रहने, खाने, शिक्षण, कंप्यूटर, सुरक्षा की निशुल्क पूर्ण व्यवस्था की गई है। कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई कराई जाती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार कक्षा नौ से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में दिए जाने पर भी विचार कर रही है। गैर सहायता प्राप्त विद्यालय में आरटीई के तहत चयनित बच्चों को दाखिला दिलाया जाता है। उन्होंने हिन्ट रेडियो के माध्यम से जनपद के लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजें। सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है। बीएसए श्री यादव से हिन्ट रेडियो की हुई यह बातचीत का शीघ्र ही प्रसारण किया जाएगा।