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चर्चा-ए-आम:- इंडिया गठबंधन ने रचा नया चक्रव्यूह!

  • एनडीए के नेता फंसते नजर आ रहे हैं इस नए चक्रव्यूह में
  • हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में दिख सकता है चक्रव्यूह का असर
    कमल सेखरी
    कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा के दूसरे सत्र जो मानसून सत्र के साथ बजट सत्र के नाम से भी जाना गया उसमें एक घंटे से अधिक अपने भाषण में सत्ता दल भाजपा के चक्रव्यूह रचने को लेकर जोरदार भाषण दिया जो देश के लोगों की यादों में अभी तक गूंज रहा है। लोकसभा में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करते हुए विपक्षी दल के नेता के रूप में राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा ने पिछले दस वर्षों में एक बड़ा चक्रव्यूह रचकर पूरे देश को अभिमन्यू बनाकर उसमें फंसा दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि कौरवों ने जो चक्रव्यूह बनाकर अभिमन्यू को उसमें फंसाया था उसकी शक्ल और आकार भी भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल के फूल जैसा ही था। राहुल ने विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि जिस तरह कौरवों के उस चक्रव्यूह के अलग-अलग द्वारों पर दुर्योधन, द्रोणाचार्य, भीष्म पितामह, शकुनि, कर्ण आदि खड़े थे उसी तरह भाजपा ने जो चक्रव्यूह रचा है उसके मुख्यद्वार पर नरेन्द्र मोदी और अन्य द्वारों पर अमित शाह, अजीत डोभाल, ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स खड़े हैं। इस चक्रव्यूह के बीच जो अभिमन्यु बनाकर घेरा गया है वो देश के बेरोजगार युवक हैं, देश के किसान हैं, अग्निवीर योजना के युवा हैं, देश की महंगाई, देश के गरीब, दलित व पिछड़े लोग हैं। अब लग रहा है कि मौजूदा हालात में राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन के नेता अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और उनके अन्य सहयोगियों ने मिलकर एक नया राजनीतिक चक्रव्यूह रच दिया है। इस चक्रव्यूह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा भाजपा और उसके अन्य सहयोगी दलों को बीच में फंसा दिया गया है। अब एनडीए के ये बड़े नेता और उनके सहयोगी दलों के नेता इंडिया गठबंधन के इस चक्रव्यूह से कब और कैसे बाहर निकल पाएंगे यह बताना कठिन है फिलहाल तो यह असंभव सा ही लग रहा है। वर्तमान में होने जा रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव व उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा उपचुनाव के साथ जल्द ही होने जा रहे महाराष्टÑ के चुनावों की तस्वीर अभी जो सामने आ रही है उसमें भाजपा का नेतृत्व और उसके सहयोगी दल बुरी तरह से प्रभावित होते नजर आ रहे हैं। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश की दस सीटों के उपचुनावों हरियाण व जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में भाजपा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे और ना ही उनके चेहरे पर ये तीनों चुनाव लडेÞ जाएंगे। महाराष्टÑ विधानसभा चुनाव में भी स्थिति कुछ इसी तरह बताई जा रही है। इन हालातों से स्पष्ट है कि इंडिया एलायंस के नेताओं ने भाजपा के स्टार प्रचारक एक अकेला सब पर भारी कहे जाने वाले नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा को एक ऐसे चक्रव्यूह में फंसा दिया है जिससे फिलहाल कुछ समय तक बाहर निकल पाना मुश्किल ही नजर आ रहा है। क्योंकि इस चक्रव्यूह के एक दरवाजे पर संविधान बैठा है, दूसरे दरवाजे पर अग्निवीर युवा बैठे हैं, तीसरे दरवाजे पर देश की महंगाई बैठी है, चौथे दरवाजे पर देश के बेरोजगार युवक बैठे हैं, पांचवें दरवाजे पर आरक्षण बैठा है, छठे दरवाजे पर पीडीए का पहरा है जबकि मुख्य और केन्द्र बिन्दू पर जातीय जनगणना हाथ में तलवार लिये खड़ी है। अब इस चक्रव्यूह में फंसे सभी को अंदर और बाहर चारों तरफ से खतरा ही खतरा है।

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