- नाबालिक हिन्दू युवक पर लगाया गो तस्करी का आरोप
- गो रक्षा के नाम पर कब तक चलेगा हत्याओं का तांडव
- मीट फैक्ट्रियों तक कौन पहुंचाता है बूढ़ी गायों को
कमल सेखरी
बीते दिन एक युवक ने खुद को गो सेवा रक्षक बताकर थाने में स्वयं आकर आत्मसमर्पण किया और पुलिस से कहा कि उसने गो तस्करी करने वाले एक युवक को गोली चलाकर मार डाला है उसके चार साथी भागने में सफल हो गए। उसने यह भी बताया कि उसने जिस गो तस्कर को मारा है उसकी लाश हाईवे पर पड़ी है आप उसे बरामद कर लें। उसने कहा कि मैं गो सेवा के लिए फांसी पर भी चढ़ने के लिए तैयार हूं। मारे गए युवक की शिनाख्त कुछ ही देर बाद आर्यन मिश्रा के रूप में की गई। वो मात्र 16 वर्ष का था और 12वीं कक्षा का छात्र था। कुछ और देर बाद जब मारे गए नाबालिग युवक के पिता थाने में पहुंचे और उन्होंने जो बयान दिया उससे बनाए गए इस नाटकीय घटना का पर्दाफाश हुआ। मारे गए युवक के पिता आर एन मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे को चार युवक चाऊमीन खिलाने के बहाने गाड़ी में बैठाकर ले गए थे और इस घटना को एक बड़े नाटक का रूप देने के लिए एक और गाड़ी से उस गाड़ी का पीछा किया गया और रात को सुनसान हाईवे पर गाड़ी रोककर उसकी गर्दन में गोली मारी गई फिर उसे गाड़ी से बाहर खींचा गया और जमीन पर गिरे मेरे बेटे के सीने में एक और गोली दाग दी। श्री मिश्रा ने बताया कि हत्यारे भले ही गो रक्षा सेवक समिति के सदस्य हों लेकिन मेरे बेटे की हत्या गो तस्करी के लिए नहीं की गई क्योंकि मेरे नाबालिग बेटे का गो तस्करी जैसे किसी धंधे से दूर का भी कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हत्याकांड को गो तस्करी का जामा पहनाकर हत्यारे गो रक्षक की आड़ में अपना असली अपराध छिपा रहे हैं। गो तस्करी के नाम से चर्चित हुई इस हत्या की घटना ने सुबह होते ही राजनीतिक रंग पकड़ लिया। विपक्षी दलों ने इस पर आवाज उठानी शुरू की तो हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मीडिया को संबोधित करते हुए यह बयान दिया कि यह गो तस्करी का मामला जानकर गांव वालों ने प्रतिक्रिया की और गो सेवकों ने अनजाने में उस नाबालिग युवक की हत्या कर दी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह प्रतिक्रिया स्वरूप हुआ है लेकिन फिर भी कानून अपना कठोरता से काम करेगा। हालांकि देश के प्रधानमंत्री कुछ महीने पहले सार्वजनिक रूप से ये बयान दे चुके हैं कि गो रक्षा के नाम पर कुछ अपराधी सक्रिय हो रहे हैं जो दिन में गो रक्षा का चोला पहनकर घूमते हैं और रात को अपराध करते हैं। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद भी कथित गो रक्षा सेवकों ने गो तस्करी और गो मांस के नाम पर कई दर्जन हत्याएं की लेकिन उन हत्याओं में एक धर्मविशेष के लोगों को ही अपना शिकार बनाया। फरीदाबाद मेंं घटित हुई यह पहली ऐसी घटना है जिसमें गो रक्षकों ने गो रक्षा का जामा पहनकर ब्राह्मण जाति के एक हिन्दू युवक की ही हत्या कर डाली। इससे दो दिन पहले ही हरियाणा के चरखी दादरी में रहने वाले मजदूर की गो रक्षकों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी, गो रक्षकों को यह शक हुआ कि वो मजदूर अपनी झुग्गी में मांस बना रहा है जो गाय का मांस है। गो रक्षकों ने पुलिस को भी बुलाया और पुलिस ने वहां पहुंचकर पके हुए मांस का नमूना भी लिया लेकिन पुलिस के लौटते ही जांच की कोई रिपोर्ट आये बिना ही गो रक्षकों ने उस मजदूर को पीट-पीटकर मार डाला। इसी तरह कुछ महीने पहले राजस्थान के भरतपुर शहर से गो रक्षक दो मुस्लिम युवकों को गाड़ी में बैठाकर हरियाणा ले आए क्योंकि उस समय राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और हरियाणा में भाजपा की। गो रक्षकों ने इन दोनों युवकों को पुलिस के हवाले करना चाहा लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया। इन कथित गो रक्षकों ने अपहृत कर लाए उन दोनों मुस्लिम युवकों को रात के अंधेरे में मार डाला और जंगल में उन दोनों की लाशें जलाकर हत्या के निशान मिटाने की कोशिश की। बाद में ये हत्यारे पकड़े गए। इसी तरह नोएडा के बुजुर्ग इखलाक को कथित गो रक्षकों ने इसी शक में मार डाला कि वो गो मांस खा रहा है। नोएडा की अदालत ने दोषियों को सजा देते समय अपने आदेश में यह भी कहा कि इस घटनाक्रम में प›िम उत्तर प्रदेश के एक विधायक की भी बराबर की भूमिका है।
अब हम गो रक्षा के नाम पर कब तक इस तरह हत्याएं करते रहेंगे, प्रधानमंत्री गो रक्षकों को लेकर जो बयान देते हैं उनके नेता और यहां तक के उनके मुख्यमंत्री भी उनके बयानों के विरुद्ध अपने विचार प्रकट करते हैं। यह बात खुलकर सामने आ चुकी है कि गोवा में जहां भाजपा की सरकार है वहां भाजपा के कई नेता गो मांस खाते हैं और गोवा में गाय काटने पर कोई पाबंदी भी नहीं है। इसी तरह उत्तरी पूर्वी राज्य में जहां भाजपा की सरकार भी है वहां से जुड़े भाजपा के कई नेता यहां तक की कुछ मंत्री भी यह बयान दे चुके हैं कि वो बीफ खाने को बुरा नहीं मानते और खुद भी बीफ का सेवन करते हैं। यहां तक की एक फिल्म तारिका जो अभी हाल में भाजपा के टिकट से लोकसभा में पहुंची हैं उन्होंने भी अपने बयानों में कहा है कि वो भी अपने खाने में बीफ का इस्तेमाल कर चुकी हैं। अब गो रक्षा के नाम से कब तक देश में इस तरह हत्याओं का तांडव चलाया जाएगा, यहां तक की हिन्दुओं को भी इस नाम पर अपनी दुश्मनी का शिकार बनाया जाएगा, इस मामले में यह भी विचार करना जरूरी है कि गाय किस धर्म के लोग अधिक पालते हैं और दूध से हट जाने के बाद उन्हें अपने घर से निकालकर लावारिस पशुओं की तरह किस धर्म के लोग सड़कों पर छोड़ देते हैं। यहां तक की गो मांस का निर्यात करने वाली फैक्ट्रियों में अब गाय पैसे लेकर बेची जाती हैं। गाय को इन फैक्ट्रियों तक पहुंचाने वाले लोग किस धर्म के हैं और वो ऐसे काम करने के लिए कितना पैसा लेते हैं। केन्द्र सरकार को इन सभी बिन्दुओं पर भी विचार करना चाहिए।