लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग ने उत्तर प्रदेश के 100 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि किसी भी संस्था द्वारा 100 वर्ष पूरा होना बहुत बड़ी उपलब्धि है। 100 वर्ष पूर्ण होने पर पुन: नई स्फूर्ति, नई ताकत तथा नई आकांक्षाओं के अगले 100 साल की यात्रा पूरी करनी है और नवीन कीर्तिमान स्थापित करने हैं। इस तरह के आयोजन में हमारे पास दो मौके होते हैं, एक उत्सव मनाने का और दूसरा आत्म मंथन करने का कि कैसे हम और आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। न केवल वह इस उल्लास के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, बल्कि इसको अमृतकाल के रूप में लेते हुए, जिसमें हमें यह सोचना है कि जब हम आजादी का 100वां वर्ष मनायेंगे, तब हम कहां होंगे। हम कहां होंगे यह करने के लिये हमें एक निश्चित दिशा तय करनी होगी। हमारी नीति, नियत और रास्ते तय करेंगे कि हम जहां पहुंचना चाहते हैं, वहां पहुंच सकें।
उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार देश का विकास हो रहा है, जिस तेजी से तमाम सारी चीजें एक बड़े परिवर्तन के रूप में आगे बढ़ रहीं हैं। आज दुनिया भारत को एक बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। दुनिया स्तब्ध है कि जब कोविड-19 ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया तथा पूरी दुनिया में निराशा की भावना थी, ऐसे समय में हमारा देश आत्मनिर्भर भारत के रूप में उभरा और नई-नई चुनौतियां से निपटने का रास्ता निकाला।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया सोच रही है कि भारत में ऐसी क्या बात है कि ऐसी स्थिति में वह कैसे आगे बढ़ रहा है। चाहे हमारी अर्थव्यवस्था हो, चाहे सामाजिक व्यवस्था, चाहे शिक्षा व्यवस्था, सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तन हुये हैं। यह परिवर्तन हमें आशा दिलाते हैं कि जब हम वर्ष 2047 में आजादी का 100वां वर्ष मनायेंगे, तो इस अमृतकाल के मंथन से हम बहुत ऊँचे शिखर पर होंगे। हम विकसित देश होकर बाहर निकलेंगे। ऐसे में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। लोक निर्माण विभाग की पूरी इमारत डिप्लोमा इंजीनियर्स पर टिकी है, क्योंकि ग्राउंड लेवल पर सारा का सारा दारोमदार उनके ऊपर होता है।
उन्होंने कहा कि संगठन का दायित्व समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ यह भी जिम्मेदारी होनी चाहिये कि क्या करें कि हम और भी ज्यादा प्रभावशाली बन सकें। इस अमृत काल में जिस प्रकार देश आगे बढ़ रहा है, उसमें हम और आगे बढ़ सकें। हमारा देश जब 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी की तरफ आगे बढ़ रहा है और उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने का लक्ष्य रखा है। हमें सोचना चाहिये कि किसी प्रकार हम नई टैक्नोलॉजी का एडाप्ट कर अपने काम को कई गुना ज्यादा इफेक्टिव एवं प्रभावी बना सकें। कैसे लोगों की जिंदगी में सहूलियत लाने के लिये उस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को लाकर हम और अच्छा काम कर सकें।
उन्होंने संघ द्वारा संघ रत्नाकर सम्मान प्राप्त करने वाले इंजीनियर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर सम्मान के साथ दायित्व भी मिलता है। वह दायित्व है कि संघ को और आगे कैसे ले जाया जाये और अपने अनुभवों को साझा करें, जिससे कि आने वाली पीढ़ी राष्ट्र निर्माण, प्रदेश निर्माण व जनता से जुड़े सभी निर्माण कार्यों में अच्छा काम कर सके।
इस अवसर पर उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह के आयोजन में लोगों को डिजिटल माध्यम से जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि जब देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बदलाव हो रहा है। ऐसे में हमें कूड़ा कम पैदा करने के विषय पर विचार करना चाहिये। कार्यालय में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये। इससे पूर्व, मुख्य सचिव ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया तथा संघ द्वारा चयनित इंजीनियर्स को संघ रत्नाकर सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने शताब्दी स्तम्भ का प्रतीकात्मक रूप से अनावरण तथा एकता सूत्र विशेषांक का विमोचन भी किया।
समारोह में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारीगण व संघ के पदाधिकारीगण आदि उपस्थित थे।