- आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएंगी, कैसे बनाएं ओआरएस घोल
- ओआरएस के पैकेट और जिंक टेबलेट भी वितरित की जाएंगी
गाजियाबाद। गर्मी के मौसम में डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसे में जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। अपने आपको लगातार हाईड्रेट करते रहें। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहीं। उन्होंने बताया कि डायरिया के मामले में ओआरएस घोल और जिंक टेबलेट रामबाण की तरह काम करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शासन के निर्देश पर 15 जून तक जनपद में दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर डायरिया पीड़ितों को ओआरएस के पैकेट और जिंक की टेबलेट वितरित करेंगी।
एसीएमओ (आरसीएच) डा. विश्राम सिंह ने बताया कि डायरिया छोटे बच्चों के लिए घातक हो सकता है, इसलिए बच्चों को लेकर खासतौर पर सावधानी बरतें। उन्हें उल्टी-दस्त होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं और चिकित्सक से परामर्श करें। उन्होंने बताया कि 15 जून तक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच वर्ष तक की आयु वाले सभी बच्चों के घर में ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित करेंगी। इसके अलावा बच्चों वाले घर में वह ओआरएस का घोल घर पर तैयार करने की विधि भी बताएंगी ताकि जरूरत पड़ने पर घर में घोल तैयार कर बच्चे को दिया जा सके। इसके साथ ही बच्चों को हाथ धोने के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।
गृह भ्रमण के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डायरिया पीड़ित बच्चों की कुपोषण की जांच भी कराएंगी और यदि बच्चा कुपोषण का भी शिकार मिला तो उसे तत्काल उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता लोगों को डायरिया से बचाव के लिए साफ-सफाई, पौष्टिक आहार और कोई समस्या होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार शुरू कराने की सलाह भी देंगी। जिला एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. आरपी सिंह ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में जिला अस्पताल की ओपीडी में आठ सौ से अधिक डायरिया के मामले आए हैं। डायरिया से बचाव के लिए साफ-सफाई बहुत जरूरी है। खासकर हाथों की सफाई का ध्यान रखें। गर्मी में खुद को हाईड्रेंट रखने के लिए समय-समय पर पानी पीते रहें और डायरिया होने पर ओआरएस घोल लेना न भूलें, केवल चिकित्सक के परामर्श पर ही दवा लें।