चर्चा-ए-आमराष्ट्रीय

शीश महल और राजमहल से शुरू हुआ दिल्ली का चुनावी महायुद्ध

कमल सेखरी
देश की राजधानी दिल्ली जो पिछले कई दिनों से आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर काफी तेजी पकड़े हुए थी अब चुनाव की तारीख पांच फरवरी घोषित होने के बाद उस तेजी ने यकायक और तेजी पकड़ ली है। आम आदमी पार्टी जो अपने स्वभाव के चलते आदतन राजनीतिक गतिविधियों में हर बात को लेकर तेजी दिखाती आई है और उसके शीर्ष नेता अरविंद केजरीवाल आदतन राजनीतिक मामलों में प्रारंभ से ही तेज गति से चलने के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने भी अपने बयानों में एकदम से तेजी पकड़ ली है। आम आदमी पार्टी का मुख्य प्रहार भारतीय जनता पार्टी पर है और अपने सामने भाजपा को ही मुख्य प्रतिद्वंदी मानकर चल रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा भी चुनाव में कूदे तीसरे दल कांग्रेस पार्टी को नजर अंदाज कर अपने चुनावी प्रहार में आम आदमी पार्टी को ही अपना टारगेट बना रही है। हालांकि कांग्रेस अपनी जीत के कई दावे कर रही है और फिर से पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित के कार्यकाल का समय फिर से लाने की बात कर रही है। लेकिन फिर भी वो दिल्ली के चुनावी युद्ध में मजबूती से खड़ी नजर नहीं आ पा रही। दिल्ली के इस चुनावी महासंग्राम में इंडिया गठबंधन जो पिछले कई दिनों से कांग्रेस से खफा होकर अपनी-अपनी नाराजगी जता रहा था अब उसमें से उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी, पश्चिम बंगाल से टीएमसी और बिहार से राजद ने अपने स्वर मुखर करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि इंडिया महागठबंधन का जन्म केवल लोकसभा चुनाव तक ही सीमित था और अब सभी दल अपने-अपने प्रदेशों में अपने फैसले खुद से लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इसी के चलते सपा और टीएमसी ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को अपना खुला समर्थन देकर कांग्रेस के खिलाफ खुली ताल ठोक दी है। केजरीवाल का शीश महल और प्रधानमंत्री मोदी का राजमहल जो वर्तमान दिल्ली चुनाव में मुख्य मुद्दा बनकर सामने आ खड़ा हुआ है उसमें आज सुबह आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार शुरूआत कर दी है। आप नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज मीडिया की पूरी टीम लेकर पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के उस आवास पर पहुंच गए जिसे भाजपा शीश महल कहकर चुनावी मुद्दा बना रही है। आप के इन दोनों नेताओं ने संबंधित विभाग से आग्रह किया कि वो इस कथित शीश महल का दरवाजा खोलें ताकि मीडिया के सभी लोग शीश महल के अंदर बताए जाने वाले मिनी बार, स्वीमिंग पुल और बाथरूम में लगी सोने की सीटें देख सकें। काफी प्रयास करने पर भी वो अंदर प्रवेश नहीं कर पाए और ना ही मीडिया को वो सब चीजें दिखवा पाए जिसके लिए भाजपा के नेता कई दिनों से शोर मचा रहे हैं। आप पार्टी के नेता इन्हीं मीडियाकर्मियों को साथ लेकर वहां से प्रधानमंत्री आवास पहुंच गए जिसे वो राजमहल की संज्ञा दे रहे हैं। आप नेताओं ने पीएम हाउस के अधिकारियों से आग्रह किया कि वो इस भवन को उन्हें अंदर से देखने दें और मीडिया के लोगों को भी उसे अंदर से दिखवा दें। लेकिन उन्हें यहां भी अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली। आप नेताओं का आरोप है कि प्रधानमंत्री के इस निवास पर 347 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और इसे राजमहल की तरह बनाया गया है। अब दिल्ली का चुनावी दंगल शीश महल और राजमहल के बीच आकर अटक गया है। देखना यह है कि कौन शीश महल को शीश महल प्रमाणित कर पाता है और कौन जनता के बीच राजमहल को राजमहल प्रमाणित कर सकता है। कुल मिलाकर दो बड़े महलों के बीच छिड़ी ये चुनावी जंग आने वाले समय में महायुद्ध का रूप ले सकती है।

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