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एटीएम कार्ड बदलकर फ्राड करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को क्राइम ब्रांच ने दबोचा

  • अलग-अलग बैंकों के 20 फर्जी एटीएम कार्ड व हथियार बरामद
  • एक बदमाश पर 22 व दूसरे पर दर्ज हैं 11 मुकदमें
  • दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, मध्यप्रदेश में वारदातों को देता था अंजाम
    गाजियाबाद। फर्जी एटीएम कार्ड से लोगों के पैसों पर हाथ साफ करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार करने का दावा किया है। दोनों अभियुक्तों के पास से पुलिस को अलग-अलग बैंकों के बीस फर्जी एटीएम कार्ड व हथियार बरामद हुए हैं। यह गिरोह गाजियाबाद, दिल्ली- एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में एटीएम कार्ड बदलकर फर्जीवाड़ा कर एटीएम मशीन से फर्जी तरीके से रुपए निकालते थे। दोनों अभियुक्तों को थाना साहिबाबाद क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। क्राइम ब्रांच के प्रभारी अब्दुल रहमान सिददीकी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपने नाम सतीश उर्फ काकू पुत्र सुरजमल हाल निवासी एफ-473 गली न0-16 चांदबाग दिल्ली-94मूल निवासी ग्राम हाफिजपुर थाना हाफिजपुर जनपद-हापुड़, सुनील तंवर पुत्र जयवीर सिंह निवासी ग्राम खैला थाना चांदीनगर जनपद बागपत बताए हैं। गिरफ्तार किए गए बदमाशों से क्राइम ब्रांच ने जब पूछताछ की तो कई रहस्य सामने आए। अभियुक्त सतीश उर्फ काकू ने बताया कि वह 7वीं पास है। कार मैकेनिक में फायदा न होने पर वह वाहन चोरी में लिप्त हो गया जिसमें वह जेल भी गया। सतीश जेल से आया तो वह लोनी के आरिफ के संपर्क में आया है। आरिफ एटीएम कार्ड से फ्राड करने में माहिर है। सतीश ने आरिफ के साथ मिलकर एटीएफ फ्राड करने का धंधा शुरू कर दिया। वह गाजियाबाद व बागपत से भी जेल जा चुका हूँ। अभियुक्त सुनील ने पुलिस को बताया कि वह 10 वीं पास है। गांव में खेती व भैसों का दूध बेचने से ज्यादा आमदनी न पर वह अपने गांव के कुख्यात अपराधी अंकित खैला के सम्पर्क में आया और उसके साथ अपराध जगत में लिप्त हो गया। उसके गैंग के साथ फिरौती हेतु अपहरण, हत्या के प्रयास, लूट व पुलिस मुठभेड़ आदि में जेल जा चुका है। अंकित खैला की 2021 में तिहाड़ जेल में हत्या हो गयी थी। जेल से छूटने के बाद सुनील गांव में ही रहने लगा। इस दौरान वह सतीश के सम्पर्क में आया। सतीश ने ही सुनील को ए.टी.एम. बदलकर धोखाधड़ी करके ए.टी.एम. मशीन से पैसा निकालने वाले काम के सम्बन्ध में बताया तो बिना जोखिम के कम मेहनत मे ज्यादा पैसा कमाने की इच्छा रखते हुए सतीश से ए.टी.एम. फ्रॉर्ड वाला काम सीखा और सतीश के साथ काम पर जाने लगा। पूछताछ पर दोनों अभियुक्तों ने बताया कि उन्होंने गाजियाबाद, नोएडा, राजस्थान, मध्य प्रदेश व अन्य क्षेत्रों में घटनाएं की हैं। वे कई बैंकों के ए.टी.एम. कार्ड रखते थे और जिस बैंक के ए.टी.एम. में जाते उसी बैंक का कार्ड निकाल कर मौका देखकर बदल देते थे। दोनों ही ए.टी.एम. मशीन से पैसा निकालने आये भोले-भाले व्यक्तियों के एटीएम से पैसा निकालने में मदद करने के बहाने उनका ए.टी.एम. कोड देख लेते थे फिर चालाकी से उनका एटीएम कार्ड बदल देते थे तथा बाद में उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे। क्राइम ब्रांच को इनके कब्जे से बीस फर्जी एटीएम कार्ड अलग-अलग बैंकों, तमंचा, कारतूस व चाकू बरामद हुआ है। अभियुक्त सतीश पर दिल्ली में 7, दोसा राजस्थान में एक, जनपद बागपत में 3 व गाजियाबाद में 11 मुकदमें दर्ज हैं जबकि अभियुक्त सुनील पर दिल्ली में 2, जनपद गौतमबुद्धनगर में, जनपद-बागपत में एक व जनपद गाजियाबाद में 7 मुकदमें दर्ज हैं।

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