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क्राइम ब्रांच व कविनगर पुलिस ने फर्जी तरीके से जमानत कराने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, 7 गिरफ्तार

  • गिरोह में अनपढ़ से लेकर एलएलबी तक का छात्र
  • मोटी कमाई के चक्कर में एक बार जो धंधे में लगा वह धंसता चला गया

गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद की क्राईम ब्रान्च व थाना-कविनगर पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में आरडीसी गाजियाबाद से विभिन्न अपराधों मे जेल मे निरूद्ध अपराधियों की फर्जी कागजात तैयार करके जमानत कराने वाले गिरोह का पदार्फाश करते हुए गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की गयी है, अभियुक्तों द्वारा खसरा खतौनी के आधार पर उस नाम पते के आधार कार्ड बनाकर फर्जी कागजात व फर्जी जमानतियों के आधार पर जेल मे निरूद्ध अपराधियों की जमानत करायी जाती थी, गिरफ्तार अभियुक्तों से काफी मात्रा में खतौनी, बेल बॉण्ड, रसीदी टिकट, विभिन्न थानों की मोहरें, विभिन्न नाम पतों के फर्जी आधार कार्ड आदि बरामद हुए है। गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपने नाम अनोज यादव निवासी बागपत रोड मेरठ, इसरार निवासी डासना, बबलू निवासी मोदीनगर, लोकेन्द्र निवासी फफराना मोदीनगर, राहुल निवासी सुभाषनगर घूकना, सुनील कुमार निवासी मोदीनगर व विकास राजपूत 5/81 राजनगर गाजियाबाद बताए हैं।
पूछताछ का विवरण
पूछताछ पर अभियुक्त अनोज यादव ने पुलिस को बताया कि 8वीं कक्षा तक पढ़ा है तथा कैमिको प्रोसेस कम्पनी नोएडा में डिजाईनर सुपरवाईजर का काम करता था परन्तु कोरोना में नौकरी छूट गयी थी बाद में पैन्थर सिक्योरिटी में भी काम किया परन्तु सैलरी नहीं मिलने के कारण 6 माह में नौकरी छोड़ दी थी तभी बबलू नामक व्यक्ति जो मोदीनगर का रहने वाला था वह इसको कचहरी लाया जो वकीलों के यहाँ फाईल लाने ले जाने का काम कराने लगा जिसमें करीब 100 रुपए रोज मिलते थे। इसी बीच इसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जिनकों जमानती नही मिल रहे थे तो अनोज उपरोक्त ने उन्हें ऐसे जमानतियों को उपलब्ध कराया जो फर्जी नाम पते पर किसी भी जमानत लेने को तैयार थे, धीरे-धीरे इन लोगों ने फर्जी जमानत लेने वालों का गिरोह बना लिया। फर्जी कागजात विकास उर्फ सम्राट से बनवाते हैं। अभियुक्त इसरार ने पूछने पर बताया कि वह अनपढ़ है तथा कचहरी में उसे मसूरी का रहने वाला मुर्सलीन लेकर आया था। जिसने उसे फर्जी जमानती लाने के लिए कहा था, एक जमानती को 500 से 700 रुपए देता था इसी बीच इसकी मुलाकात राशिद काला, बबलू, इकराम, चंचल, भूषण, अनोज आदि से हुई और धीरे-धीरे इन लोगों ने फर्जी नाम पते पर जमानत लेने वालों का गिरोह बना लिया।
अभियुक्त बबलू ने पूछताछ पर बताया कि वह 10वीं फेल है वह पिछले करीब 10 सालों से कचहरी जाता है जहां पहले वकीलों के यहां फाईल व अन्य कागजात लाने ले जाने का काम करता था इसी बीच इससे कुछ लोगो ने जमानत लेने या जमानतियों का इन्तजाम करने के लिए कहा जिसमें इसको पैसे भी मिल रहे थे तो यह तैयार हो गया, यह अपने गिरोह के साथ पिछले 6 वर्षो से फर्जी नाम पते पर जमानत लेने का काम कर रहा है। अभियुक्त लोकेन्द्र ने पूछने पर बताया कि वह अनपढ़ है और पिछले 8-9 वर्षों से फर्जी जमानत ले रहा है पहले ये शेखर, कमल, दयानन्द, देवेन्द्र राजपूत व राजू के साथ फर्जी जमानत लेता था जिसमें 2018 में थाना सूरजपुर जनपद गौतमबुद्धनगर से 02 बार जेल जा चुका है तथा गैगस्टर एक्ट मे भी निरूद्ध रहा है जेल से छूटने के बाद इसने उनका साथ छोड़ दिया और अनोज यादव, इसरार व बबलू के सम्पर्क मे आकर इनके गिरोह मे शामिल हो गया व फर्जी कागजात पर जमानत लेने काम करने लगा।
अभियुक्त राहुल शर्मा ने पुलिस को बताया कि वह 10वीं पास है। पहली बार वर्ष 2017 मे झगड़े मे जेल गया था। उसके बाद कई बार अन्य अपराधों मे जेल जा चुका है। कचहरी मे तारीखों पर आने-जाने के दौरान इसकी मुलाकात बबलू से हुई, बबलू ने इसको फर्जी जमानत लेने के बारे मे बताया तथा यह भी बताया कि इसमें काफी फायदा है चूँकि फर्जी नाम पते से जमानत लेनी है तो कभी पकडेÞ जाने का भी डर नहीं है तभी से राहुल शर्मा इस गिरोह मे शामिल होकर फर्जी जमानत लेने का काम करने लगा। अभियुक्त सुनील ने पूछने पर बताया कि वह 5वीं तक पढ़ा है। पहले वह मजदूरी का काम करता था, करीब 3-4 वर्षों पहले नासिरपुर फाटक पर मजदूरी के लिए खड़ा था तभी अनीस नाम का व्यक्ति आया और इससे जमानत के लिए कहा, जमानत लेने के लिए सुनील को 300 रुपए मिले थे, तभी से सुनील फर्जी जमानत लेने लगा, अनीस की मृत्यु हो गयी तो सुनील बबलू, अनोज यादव व इसरार के गिरोह मे शामिल हो गया और फर्जी नाम पते पर जमानत लेने लगा।
अभियुक्त विकास राजपूत उर्फ सम्राट ने पूछने पर बताया कि वह एलएलबी कर रहा है, बारहवीं पास करने के बाद वह कचहरी मे आरडीसी के गेट के पास दीपक नाम के व्यक्ति के साथ बैठने लगा जो फोटो बनाना, फोटो कॉपी करना, फर्जी आधार कार्ड बनाने व फर्जी रूप से उद्धरण खतौनी निकालते थे तथा बबलू, इसरार, अनोज यादव, चंचल, भूषण, राकेश, नितिन त्यागी, लोकेन्द्र, सुनील, राहुल शर्मा, इकराम, राशिद आदि लोग ये सारे फर्जी कागजात ले जाकर जमानत लेते थे। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व दीपक की मृत्यु हो गयी क्योकि मैंने यह सारा काम सीख लिया था तो दीपक के बाद यह सारा काम वह करने लगा।
अभियुक्तगणों ने पूछताछ पर बताया कि इन लोगो का एक संगठित गिरोह है जिसमें इनके अलाला इनके अन्य साथी राजकुमार, वीरू, मुर्सलीन, इरफान, इकराम,चंचल पत्नी रिजवान, भूषण, राकेश, विपिन त्यागी, महीपाल, राशिद उर्फ काला, सोनिया आदि है, ये सभी लोग कचहरी मे रहकर विभिन्न अपराधों मे जेल मे निरूद्ध ऐसे अभियुक्तों की फर्जी रूप से जमानत कराते है जिनको या तो जमानती नही मिलते या वो जमानत लेकर फरार होना चाहते है। सबसे पहले जब इनसे कोई फर्जी जमानत के लिए सम्पर्क करता है तो ये लोग उससे अलग-अलग बेल बॉण्ड के अनुसार पैसे तय करते है 20 से 30 हजार की जमानत पर 5 से 7 हजार रू0 तथा 40 से 50 हजार रू0 की जमानत पर 7 से 10 हजार रुपए तय करते है। सबसे पहले ये लोग पैसे तय होने के बाद विकास उर्फ सम्राट से भू-लेख यू0पी0 वेबसाईट से उद्धरण खतौनी आॅनलाईन निकाल लेते है फिर उस नाम पते से अपना फोटो लगाकरफर्जी आधार कार्ड बनवाते है, उद्धरण खतौनी पर सी.एस.सी जन सेवा केन्द्र की मोहर लगाकर प्रमाणित कर लेते है उसके बाद जिस थाने से जमानतियों का सत्यापन होना होता है उसको थाने ना भिजवाकर स्वंय ही सत्यापित कर थाने की मोहर लगाकर माननीय न्यायालय मे जमा करा देते है और इस प्रकार जेल मे निरूद्ध अभियुक्त की फर्जी जमानत हो जाती है। इस गिरोह द्वारा अब तक करीब 600 से 700 अभियुक्तो की फर्जी जमानतें ली जा चुकी है।
अभियुक्तगणों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी व बरामदगी हेतु टीमें बनाकर कार्यवाही की जा रही है।
बरामदगी का विवरण-
1.फर्जी आधार कार्ड, उद्धरण खतौनी व अन्य फर्जी कागजात बनाने मे प्रयुक्त लैपटॉप- 01 अदद
2.फर्जी आधार कार्ड- 21 अदद
3.फर्जी उद्धरण खतौनी-18 अदद
4.बेल बॉण्ड बिना भरे- 05 अदद
5.रसीदी टिकट- 05 अदद
6.विभिन्न थानों व अन्य फर्जी मोहरें झ्र 10 अदद
7.स्टाम्प इंक पैड- 01 अदद

आपराधिक इतिहास:-
1.अभियुक्त अनोज यादव के विरूद्ध गाजियाबाद मे 01 अभियोग पंजीकृत है।
2.अभियुक्त इसरार के विरूद्ध गाजियाबाद मे 01 अभियोग पंजीकृत है।
3.अभियुक्त बबलू के विरूद्ध गाजियाबाद मे 01 अभियोग पंजीकृत है।
4.अभियुक्त लोकेन्द्र के विरूद्ध गौतमबुद्धनगर मे 03 व गाजियाबाद मे 01 कुल 04 अभियोग पंजीकृत है।
5.अभियुक्त राहुल शर्मा के विरूद्ध गाजियाबाद मे कुल 08 अभियोग पंजीकृत है।
6.अभियुक्त सुनील कुमार के विरूद्ध गाजियाबाद मे 01 अभियोग पंजीकृत है।
7.अभियुक्त विकास उर्फ सम्राट के विरूद्ध गाजियाबाद मे 01 अभियोग पंजीकृत है।

गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली टीम-
1.स्वाट टीम, क्राइम ब्रान्च पुलिस टीम कमिश्नरेट गाजियाबाद
2.थाना कविनगर पुलिस टीम

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