- वर्ल्ड हाईपरटेंशन डे (17 मई): नियमित व्यायाम और संतुलित खानपान से नियंत्रित रख सकते हैं रक्तचाप: तिवारी
गाजियाबाद। हाईपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप एक गंभीर बीमारी है। ध्यान न देने पर यह धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इसे पहचानने में देरी हृदय रोग का कारण बन जाती है, जो जानलेवा हो सकती है, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। जिला मानसिक रोग प्रकोष्ठ के सीनियर साइकेट्रिस्ट कंसलटेंट डा. साकेत नाथ तिवारी का कहना है कि हाईपरटेंशन के कई कारण है लेकिन सबसे बड़ा कारण है तनाव। लगातार तनाव बने रहने से शरीर में होने वाले रासायनिक बदलाव हाईपरटेंशन को जन्म देते हैं। डा. साकेतनाथ कहते हैं कि गुस्सा आना एक सामान्य प्रक्रिया है। कोई बात आपको गलत लगती है तो गुस्सा आ सकता है लेकिन गुस्सा जब आदत में तब्दील होने लगे तो यह स्थित हाईपरटेंशन का कारण बन जाती है। बात-बात पर गुस्सा करना, नकारात्मक विचार आना या गुमसुम रहना तनाव और डिप्रेशन की शुरूआती लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है। देर होने पर यही स्थिति हाईपरटेंशन के लिए जिम्मेदार बनती है। तनाव या डिप्रेशन से बचने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है लेकिन साथ ही चिकित्सकीय परामर्श भी जरूरी है। पिछले 10 वर्षों में हाईपरटेंशन के मामले तेजी से बढ़े हैं। आंकड़े बताते हैं कि शहरी क्षेत्र में 33 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। वर्ष 2021 से वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की थीम ह्ल अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहेह्व है। डा. साकेत नाथ तिवारी का कहना है कि वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे का आयोजन इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है, ताकि लोग इसे गंभीरता से लें और बचाव के बारे में जानकारी कर स्वस्थ जीवन जिएं। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हाइपरटेंशन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। जिला एमएमजी चिकित्सालय के सीनियर फिजिशियन डा. आरपी सिंह का कहना है कि हाईपरटेंशन लाइफ स्टाइल और गलत खानपान के कारण होती है, हालांकि कई बार बीमारी अनुवांशिक भी होती है लेकिन थोड़ा ध्यान रखकर इससे बचा जा सकता है। एक बात ध्यान रखें हाइपरटेंशन को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, इसे नियंत्रित रखा जा सकता है, इसलिए चिकित्सक के परामर्श की अवहेलना न करें। दवा शुरू होने पर चिकित्सक की सलाह के बिना दवा लेना बंद न करें।
हाईपरटेंशन के लक्षण :
-छाती में दर्द, सिरदर्द
-चक्कर आना, जी मिचलाना
-सांस लेने में परेशानी
-उलझन, बेचैनी
-नाक से खून बहना
हाईपरटेंशन के कारण :
-फैमिली हिस्ट्री
-तनाव
-गलत खानपान
-गलत लाइफ स्टाइल
-मोटापा
हाईपरटेंशन से बचाव :
-नियमित रूप से व्यायाम करें
-धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
-भोजन में सोडियम नियंत्रित रखें
-रोजाना सात-आठ घंटे नींद लें
-अधिक तला-भुना खाने से बचें