- राज्य कर विभाग अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश में राजस्व संग्रह की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने सभी जोन कमिश्नरों से उनके प्रभार वाले जोन में जीएसटी में व्यापारियों की पंजीयन स्थिति, जीएसटी और वैट संग्रह, कर चोरी रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों आदि की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह के लिए जोनवार लक्ष्य की समीक्षा करते हुए लक्ष्य प्राप्ति के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए अलग-अलग जोन के पोटेंशियल के अनुसार राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश का कुल राजस्व संग्रह 58,700 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर लगभग 01 लाख करोड़ रुपये हो गया है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लक्ष्य 31,786 करोड़ रुपये के सापेक्ष 32,386 करोड़ रुपये का संग्रह है। यह स्थिति संतोषजनक है। यह जनता से एकत्रित राशि है, जो प्रदेश के विकास और लोककल्याणकारी कार्यों में व्यय होगी। प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी और वैट संग्रह लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्ति के लिए ठोस कोशिश की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनहित का ध्यान रखते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य में वैट की दर में बढ़ोत्तरी अथवा अन्य कोई नया कर नहीं लगाया है। आज पेट्रोल/डीजल पर सबसे कम वैट की दर उत्तर प्रदेश में है। निकट भविष्य में भी वैट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। इसका ध्यान रखते हुए जोन वार पोटेंशियल के अनुसार राजस्व संग्रह बढ़ाने का प्रयास किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए शासन स्तर से फील्ड के अधिकारियों को साप्ताहिक लक्ष्य दिया जाए। इसकी साप्ताहिक समीक्षा भी की जाए। जोन में प्रवर्तन की कार्रवाई तथा राजस्व संग्रह की रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं मासिक बैठक कर जोनवार समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी कंजप्शन आधारित कर प्रणाली है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय तथा देश की जीडीपी की वृद्धि दर के दृष्टिगत ही राजस्व प्राप्ति होती है। अत: कंजप्शन में वृद्धि के लिए नियोजित प्रयासों की जरूरत है। विगत 5 वर्षों में प्रदेश में इसके लिए अनुकूल माहौल सृजित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य कर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। सतत प्रयासों से वर्तमान में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 26 लाख से अधिक हो गई है। आगामी 6 माह में इसे 30 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर कार्य करें। व्यापारियों को जागरूक करते हुए अधिकाधिक व्यापारी बंधुओं को जीएसटी में पंजीकृत कराया जाए। व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन/रिटर्न दाखिल करने के फायदों के बारे में जानकारी दी जाए तथा छोटे कस्बों में संगोष्ठी इत्यादि का आयोजन करें। गोरखपुर और बस्ती मंडल जैसे कई क्षेत्रों में अभी जागरूकता का अभाव है। इसके लिए फील्ड स्तर के अधिकारियों को विशेष प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जीएसटी की कर प्रणाली में समस्त कार्य आॅनलाइन किए जाने से अनेक प्रकार के डेटा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हुए हैं, जिनका आईटी टूल्स के माध्यम विश्लेषण करते हुए राजस्व संग्रह के लिए प्रयास किया जाए। जोन वार विश्लेषण करते हुए रणनीति तय की जाए। अधिकारी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स का अधिकाधिक प्रयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी/अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता प्राप्त हुई है। इसके बावजूद अधिकांश जोन की कार्यशैली को और बेहतर करने की जरूरत है। राजस्व संग्रह में आगरा, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या आदि जोन ने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सराहनीय प्रयास किया है। इनके बेस्ट प्रैक्टिस को अन्य जोन भी अपनाए। झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के अनेक बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। यहां बहुत संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यशैली को बेहतर करने के साथ कर चोरी पर प्रभावी कार्रवाई की जाए। एसजीएसटी की चोरी/अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाने की जरूरत है। राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। पूर्ण तैयारी के साथ छापेमारी की कार्यवाही की जाए तथा इंटेलीजेंस को और बेहतर किया जाए। देश और प्रदेश के विकास में व्यापारी तथा उद्यमी बंधुओं का बड़ा सहयोग है। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी उद्यमी, व्यापारी का उत्पीड़न न हो।
इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव राज्य कर नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, राज्य कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।