सामुदायिक केन्द्र वसूल रहे थे ज्यादा पैसा, शिकायतें मिली तो जागा जीडीए, केन्द्रों के बाहर लगवाए निर्धारित दाम सूचना पट्ट

- जीडीए के पूरे गाजियाबाद क्षेत्र में हैं 13 सामुदायिक केन्द्र
- सामुदायिक केन्द्रों के बाहर सूचना पट लगने से संचालकों में मचा हड़कंप
- सामुदायिक केन्द्र संचालकों के साथ जीडीए अधिकारियों ने की बैठक
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित सामुदायिक केन्द्रों के संबंध में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते वीसी अतुल वत्स ने सभी सामुदायिक केन्द्रों पर किराये को सूचना पट पर अंकित करा दिया है। शिकायतें मिल रही थीं कि अनुज्ञप्तिधारकों द्वारा प्राधिकरण द्वारा निर्धारित किराये से अधिक राशि वसूली जा रही है। इस संदर्भ में जांच कर आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिए गए।

गाजियाबाद में हैं 13 सामुदायिक केन्द्र, जीडीए ने दे रखे हैं ठेके पर
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की विभिन्न आवासीय कॉलोनियों में स्थित कुल 13 सामुदायिक केन्द्र जिनमें राजेन्द्र नगर सेक्टर-2, शास्त्री नगर, पटेल नगर, स्वर्णजयंतीपुरम, कौशांबी, सूर्यनगर, कोयल एनक्लेव, संजय नगर, प्रताप विहार ए-ब्लॉक, प्रताप विहार एफ-ब्लॉक, कविनगर, वैशाली एवं लाजपतनगर को अनुज्ञप्तिधारकों को संचालन हेतु आवंटित किया गया है। उक्त शिकायतों के मद्देनजर प्राधिकरण द्वारा सभी सामुदायिक केन्द्रों पर सूचना पट्ट स्थापित करवा दिए गए हैं, जिन पर निर्धारित किराये सहित महत्वपूर्ण नियम एवं शर्तों का उल्लेख किया गया है, ताकि आम नागरिकों को पारदर्शी जानकारी उपलब्ध हो सके।
जीडीए सचिव व अपर सचिव ने केन्द्र संचालकों को बैठक में दिए दिशा-निर्देश
इस विषय में सचिव राजेश कुमार सिंह एवं अपर सचिव पी. के. सिंह की उपस्थिति में प्राधिकरण सभागार में अनुज्ञप्तिधारकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी संबंधित अनुज्ञप्तिधारक सम्मिलित हुए। बैठक में विस्तृत चर्चा उपरांत स्पष्ट निर्देश दिए गए कि केवल प्राधिकरण द्वारा निर्धारित किराया ही जनसामान्य से वसूला जाए, किसी भी स्थिति में अधिक किराया न लिया जाए। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने निर्देश दिए कि यदि भविष्य में निर्धारित दर से अधिक किराया वसूलने की शिकायत प्राप्त होती है, तो उसकी जांच कराई जाएगी। शिकायत सत्य पाए जाने पर संबंधित अनुज्ञप्तिधारक की अनुज्ञप्ति निरस्त कर सामुदायिक केन्द्र का कब्जा पुन: प्राधिकरण द्वारा ले लिया जाएगा। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित अनुज्ञप्तिधारक की होगी। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है कि सामुदायिक केन्द्रों की नियमित निगरानी की जाए ताकि वे आम नागरिकों को पारिवारिक व सामाजिक आयोजनों हेतु उचित दरों पर सहज रूप से उपलब्ध हो सकें और सभी नागरिक इनका लाभ उठा सकें।