- 887 आंगनबाड़ी केंद्रों और 903 स्कूलों में चला कृमि मुक्ति कार्यक्रम
- कृमि संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई जरूरी : डा. सुनील त्यागी
हापुड़। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम (एनडीडी) का आयोजन किया गया। शासन के निर्देश पर विशेष अभियान के तहत जनपद के 887 आंगनबाड़ी केंद्रों और 903 सरकारी व निजी स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद पेट के कीड़े (कृमि) निकालने वाली दवा खिलाई गई। एक से 19 वर्ष के बच्चों और किशोरों को एक साथ पेट के कीड़े निकालने के एल्बेंडाजोल की गोली दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील त्यागी ने कार्यक्रम का आगाज गोयना स्थित सरकारी स्कूल में बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया। इस मौके पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा भी मौजूद रहे।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ करने गोयना सरकारी स्कूल पहुंचे सीएमओ डा. सुनील त्यागी ने कहा कि कृमि का संक्रमण एक से दूसरे बच्चे में फैलने की आशंका रहती है, इसलिए बच्चों को एक साथ कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन कर पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाती है। उन्होंने स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा साफ – सफाई का ध्यान रखकर हम कृमि संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए अपने नाखून नियमित रूप से काटते रहें। खाना खाने से पहले और बाद में हाथ अच्छे से धोएं। शौच जाने के बाद भी हाथों को साबुन-पानी से अच्छे से धुलना जरूरी है। सीएमओ ने कहा कृमि संक्रमण का बड़ा कारण खुले से शौच करना भी है, खुले में शौच न करें।
कृमि भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण कर लेते हैं : डा. प्रवीण
इस मौके पर डा. प्रवीण शर्मा ने कहा- पेट के कीड़े (कृमि) भोजन से तमाम पोषक तत्वों का अवशोषण कर लेते हैं। यही कारण है कि कृमि संक्रमण से ग्रसित बच्चे एनीमिया और कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग हर साल दो बार पेट से कीड़े निकालने के लिए अभियान चलाकर एल्बेंडाजोल की गोली खिलाता है। उन्होंने कहा बच्चे और किशोर हर बार यह गोली खाएं। एक से दो वर्ष तक के बच्चों को केवल आधी गोली खानी है, जबकि दो से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली चबाकर खानी है। ध्यान रहे, गोली खाली पेट नहीं लेनी है। उन्होंने बताया आज जो बच्चे किसी वजह से गोली खाने से छूट गए हैं, उनके लिए एक से तीन अगस्त तक घर-घर मोप अप राउंड चलाया जाएगा।