- पुस्तक का विमोचन किया, महाविद्यालय परिसर में रूद्राक्ष का पौधरोपण किया
- बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह ने 1957 में की थी गाजीपुर डिग्री कॉलेज की स्थापना की
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर में स्नातकोत्तर महाविद्यालय (पीजी कॉलेज), गाजीपुर में स्थापित स्व. बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने पीजी कॉलेज प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा गाजीपुर जनपद में शिक्षा की अलख जगाने वाले बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह ने वर्ष 1957 में गाजीपुर डिग्री कॉलेज की स्थापना की। यह आज पीजी कॉलेज के रूप मे लगभग 10,000 छात्र-छात्राओं की उत्तम शिक्षा के केन्द्र के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जनपद के लिए शिक्षा का एक स्तम्भ बना हुआ है। उन्होंने कहा कि बाबू राजेश्वर सिंह शिक्षा के प्रति अत्यन्त जागरूक एवं चैतन्य रहे एवं शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अभिनव प्रयास किया, यही उनका विरासत के प्रति सच्चा सम्मान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से युवाओं को उनके जनपद में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा दी जा रही है, ताकि उन्हें कहीं अन्यत्र न जाना पड़े। स्वामी विवेकानन्द तकनीकी सक्षम योजना के माध्यम से प्रदेश में लगभग 15 लाख नौजवानों को टैबलेट एवं स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया गया है। अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ युवाओं को टैबलेट व स्मार्टफोन देकर उन्हें तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने का कार्य किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कर्मयोगी राजेश्वर बाबू-स्मृतियों के वातायन से पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने महाविद्यालय परिसर में रूद्राक्ष का पौधरोपण किया। स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत युवाओं को टैबलेट, उज्जवला योजना के अर्न्तगत चिन्हित लाभार्थियों को गैस चूल्हा, पाइप, गैस सिलेण्डर, एक जनपद एक उत्पाद योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थियों को टूलकिट, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के लाभार्थियों को नि:शुल्क सहायक उपकरण आदि का वितरण किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 571 स्वयं सहायता समूहों को प्रतीकात्मक चेक भी प्रदान किया।