- समिट से पहले दुनिया के निवेशकों को यूपी में निवेश का आमंत्रण देने की कार्ययोजना को मिली सफलता
- 16 राष्ट्रों में हुए रोड शो से अब तक 7 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ
- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में बड़ा आधार बनेगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उनके सरकारी आवास पर यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के सम्बन्ध में विदेश भ्रमण से वापस आयी टीम यूपी द्वारा अनुभवों को साझा करते हुए प्राप्त निवेश प्रस्तावों पर प्रस्तुतिकरण किया गया। उन्होंने विदेशों में रोड शो के उत्साहजनक परिणामों पर सन्तोष व्यक्त करते हुए मंत्रिमंडल के सदस्यों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री का संदेश लेकर उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए दुनिया भर के उद्यमियों, कम्पनियों और संस्थाओं को आमंत्रित करने वैश्विक भ्रमण पर गई टीम यूपी अभूतपूर्व सफलता के साथ प्रदेश लौटी है। 10 से 12 फरवरी, 2023 को लखनऊ में प्रस्तावित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पूर्व 16 देशों के 21 शहरों में आयोजित इन्वेस्टर्स रोड शो में हर जगह उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उद्यमियों में असीम उत्साह देखने को मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए ट्रिपल टी का मंत्र दिया है। ट्रिपल टी अर्थात ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म। उत्तर प्रदेश इन मंत्रों को आत्मसात कर लगातार आगे बढ़ रहा है। आजादी के बाद यह पहला अवसर है कि जब उत्तर प्रदेश की टीम एक बड़े लक्ष्य के साथ दुनिया के निवेशकों को आमंत्रित करने वैश्विक भ्रमण पर गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले दुनिया के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है। यह अत्यन्त हर्ष की बात है कि 16 राष्ट्रों में हुए रोड शो से अब तक 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अकेले यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड एस्टेट आॅफ अमेरिका से चार लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में रोड शो की इस सफलता से यह सुनिश्चित हो गया है कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ऐतिहासिक होने जा रही है। व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में बड़ा आधार बनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश में इस प्रकार के किसी वैश्विक निवेशक आमंत्रण की कल्पना नहीं की जा सकती थी। आज प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में टीम यूपी की नीति सही है, हमारा नियोजन बेहतर है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के लिए हमने 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यह इन्वेस्टर्स समिट वैश्विक पटल पर ब्रांड यूपी को मजबूत बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों में जिन कम्पनियों/संस्थाओं, औद्योगिक समूहों के साथ एमओयू हुआ है, उनसे लगातार सम्पर्क बनाए रखें। बेहतर फॉलो-अप के उद्देश्य से हर देश के लिए वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए इनके नेतृत्व में एक डेडिकेटेड टीम बनाई जाए। यह टीम निवेशकों की जरूरतों, अपेक्षाओं के अनुसार हर संसाधन उपलब्ध कराएगी। विदेश भ्रमण से लौटे सभी समूहों ने समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष अपने दौरों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। सभी समूहों ने औद्योगिक निवेश के लिए उत्तर प्रदेश की टीम के वैश्विक भ्रमण को लगातार जारी रखने की आवश्यकता बताई। साथ ही, निवेशकों की अपेक्षाओं से भी अवगत कराया।
नीदरलैंड और फ्रांस भ्रमण से लौटे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि दोनों देशों में निवेशकों के मन में भारत के प्रति बड़ा विश्वास है और भारत में उनकी प्राथमिकता उत्तर प्रदेश है। नीदरलैंड में एक बड़ी आबादी पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों की है। यह लोग डेढ़ शताब्दी पहले गिरमिटिया मजदूर के रूप में सूरीनाम पहुंचे थे और आज नीदरलैंड में हैं। आगामी फरवरी में इनके प्रवासन के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह लोग अपनी मातृभूमि के प्रति गहरा लगाव रखते हैं और उत्तर प्रदेश के विकास में सहायक बनने को उत्सुक हैं। उन्होंने बताया कि फ्रांस के इत्र विश्व में प्रतिष्ठित है, कन्नौज के इत्र के लिए यहां बड़ा बाजार है। इस सम्बन्ध में भी प्रयास हुआ है, इसके नतीजे जल्द देखने को मिलेंगे। मैक्सिको, ब्राजील और अर्जेंटीना के दौरे से लौटे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और मंत्री संजय निषाद ने बताया कि तीनों ही देशों में यूपी को लेकर उत्साह जनक माहौल है। मैक्सिको से फूड प्रोसेसिंग और एग्रो व डेयरी सेक्टर में बड़ी सम्भावनाएं हैं। जेबू एम्ब्रियो कम्पनी ने मथुरा में कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुकता जताई है। वहीं ब्राजील में रक्षा क्षेत्र की अनेक कम्पनियों के साथ सुखद वार्ता हुई।
यूएसए और यूके के तीन शहरों के भ्रमण से लौटे मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इन बड़े देशों में उत्तर प्रदेश की बदलती परिस्थितियां निवेशकों के लिए चर्चा का विषय है। उन्होंने कहा कि हिंदुजा ग्रुप और रॉल्स रॉयस से बड़े निवेश के लिए चर्चा हुई है। लंदन में हीरानन्दानी समूह ने यूपी के साथ अपने अच्छे अनुभव को साझा किए। इसके अलावा, सैन फ्रांसिस्को से सलोनी हर्ट फाउंडेशन ने एसजीपीजीआई लखनऊ को 415 करोड़ रुपये का सीएसआर अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसी तरह, जियो थर्मल पॉवर तकनीक के लिए 41,000 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू हुआ है। सिफी इंटरनेशनल 8,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसी तरह, हेल्थ एटीएम निर्माण में 1,000 करोड़ रुपये सहित नवीकरणीय ऊर्जा, होटल/हॉस्पिटैलिटी, स्किल डेवलपमेंट, लॉजिस्टिक्स, आईटी/आईटीईएस जैसे सेक्टर में कई बड़ी कम्पनियों ने निवेश का प्रस्ताव रखा है।
कनाडा-यूएसए दौरे पर गए समूह की ओर से कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ा लाभ मुख्यमंत्री की निजी छवि से मिल रहा है। विदेश में लोगों के मन में मुख्यमंत्री की कार्यशैली, विजन के प्रति बड़ा आदर है। निवेशक यहां की सुरक्षा व्यवस्था, निवेश अनुकूल माहौल से काफी प्रभावित हैं। इसका लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा।
आॅस्ट्रेलिया व सिंगापुर से लौटे समूह की ओर से मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि रोड शो के दौरान हुई सकारात्मक वार्ता में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर से सभी निवेशक प्रभावित दिखे। सुरक्षा और सहूलियत के आश्वासन के साथ विभिन्न प्रोजेक्ट पर वार्ता हुई। जर्मनी, बेल्जियम और स्वीडन से लौटे मंत्री समूह की ओर से नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की टीम के इस तरह वैश्विक दौरे पर पहली बार गई थी, निवेशकों के लिए यह बड़ा उत्साहवर्धक रहा। हमें ऐसे दौरे नियमित अन्तराल पर करने चाहिए। उन्होंने अपने दौरों के दिवसवार विवरण से अवगत कराया।