- ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश
- इन्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम परियोजना में 9 ट्रैफिक जंक्शन चयनित
- 8 चौराहों पर ट्रैफिक लाइट, आरएलवीडी कैमरा, एएनपीआर कैमरा, पब्लिक एड्रेस सिस्टम तथा इमरजेंसी कॉल बॉक्स स्थापित
- रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के मॉडल का अवलोकन किया
- आरआरटीएस परियोजना से मेरठ और गाजियाबाद के विकास को गति मिलेगी
मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में निमार्णाधीन ट्रांजिट हॉस्टल, इन्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम (आईटीएमएस) परियोजना तथा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का निरीक्षण किया।
पुलिस लाइन्स, मेरठ में ट्रांजिट हॉस्टल के निरीक्षण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार ने पुलिस कर्मियों की आवासीय सुविधा को बेहतर किया है। उन्होंने अधिकारियों को ट्रांजिट हॉस्टल के निर्माण कार्य को पूरी गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण करने निर्देश देते हुए कहा कि ट्रांजिट हॉस्टल में फर्नीचर की समुचित व्यवस्था की जाए। ज्ञातव्य है कि राज्य सेक्टर योजना के अन्तर्गत ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना की स्वीकृत लागत 47.73 करोड़ रुपए है।
मुख्यमंत्री ने इन्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम का निरीक्षण किया। मेरठ शहर में राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत अक्टूबर, 2021 में इन्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम परियोजना का चयन किया गया था। परियोजना की कुल लागत 29 करोड़ रुपए है। इस परियोजना में 9 ट्रैफिक जंक्शन चयनित किए गए हैं। 8 चौराहों पर ट्रैफिक लाइट, आरएलवीडी कैमरा, एएनपीआर कैमरा, पब्लिक एड्रेस सिस्टम तथा इमरजेंसी कॉल बॉक्स स्थापित किए गए हैं। 3 स्थानों पर वीडियो मैसेजिंग सिस्टम एवं पब्लिक वाई-फाई की स्थापना की गई है।
जनपद भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने टनल बोरिंग मशीन सुदर्शन की कार्य प्रणाली को देखा। उन्होंने आरआरटीएस परियोजना के मॉडल का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आरआरटीएस परियोजना से मेरठ और गाजियाबाद के विकास को गति मिलेगी। 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से स्थापित की जा रही इस विश्वस्तरीय परिवहन सुविधा से आवागमन सुगम होगा, पर्यटन तथा उद्योग को नई ऊर्जा मिलेगी और बड़ी संख्या में रोजगार के नवीन अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि आरआरटीएस के कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए।
ज्ञातव्य है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना सरकार द्वारा जनसामान्य के लाभ हेतु कार्यान्वित की जा रही देश की अपनी तरह की पहली परियोजना है। इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री जी द्वारा मार्च, 2019 में रखी गई थी। वर्तमान में परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। परियोजना को समय से पूरा करने के लिए 10,000 से अधिक श्रमिक तथा 1,100 इंजीनियर दिन-रात काम कर रहे हैं। इस कॉरिडोर की लम्बाई 82 किलोमीटर है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 कि.मी. के प्राथमिकता खण्ड को वर्ष 2023 में तथा सम्पूर्ण कॉरिडोर को वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।