- मिशन निदेशक ने दिए निर्देश, सात मार्च से शुरू होगा पहला चरण
- तीन चरणों में चलेगा सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 अभियान
गाजियाबाद। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उप्र की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सूबे के समस्त जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि इस विशेष अभियान के अंतर्गत सात बीमारियों से प्रतिरक्षण के लिए दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण किया जाता है। मिशन निदेशक के निर्देशानुसार तीन चरणों में यह अभियान पूरा होगा। पहला चरण सात मार्च से, दूसरा चरण चार अप्रैल से और तीसरा चरण दो मई, 2022 से शुरू होगा। अभियान की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
सीएमओ ने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 के राज्य स्तरीय संवेदीकरण 18 फरवरी को होगा। उसके बाद जनपद स्तरीय संवेदीकरण एवं ब्लॉक स्तरीय अभिमुखीकरण का कार्य 19 से 23 फरवरी तक किया जाएगा। छूटे बच्चों और गर्भवतियों को चिन्हित करने के लिए 24 से 26 फरवरी तक सर्वे किया जाएगा। नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवतियों को चिन्हित करने के बाद माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा। तीन मार्च को जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में माइक्रोप्लान की समीक्षा की जाएगी। जिला स्वास्थ्य समिति की स्वीकृति के बाद चार मार्च को माइक्रोप्लान शासन को भेजा जाएगा, जहां पांच मार्च को राज्य स्तरीय समीक्षा के बाद सात मार्च से जनपद में सघन मिशन इंद्र धनुष – 4.0 अभियान का पहला चरण शुरू होगा। मतगणना के चलते 10 मार्च को अभियान स्थगित रहेगा।
दरअसल यह एक विशेष टीकाकरण अभियान है। इस अभियान के दौरान नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती तक पहुंचकर उनको सात बीमारियों से प्रतिरक्षित किया जाता है। इस अभियान की शुरूआत भारत सरकार ने 25 दिसंबर, 2014 को सुशासन दिवस के अवसर पर की थी। इस अभियान के अंतर्गत सात खतरनाक बीमारियों तपेदिक, पोलियो, हेपेटाइटिस-बी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस और खसरा से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। इंद्रधुनष के साथ रंगों के आधार पर ही इस अभियान को सघन मिशन इंद्रधनुष का नाम दिया गया है।