- नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को दी जाएगी विटामिन – ए की खुराक
गाजियाबाद। नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त कराने और संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने के लिए 28 दिसंबर से बाल स्वास्थ्य पोषण माह का आयोजन किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि बाल स्वास्थ्य पोषण माह 26 जनवरी, 2023 तक चलेगा और नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन-एक की खुराक दी जाएगी। जनपद में अभियान की तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया – विटामिन-ए की खुराक हर छह माह पर दी जाती है। विटामिन – ए से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और वह जल्दी से बीमार नहीं पड़ते।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि विटामिन – ए की खुराक ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर हर बुधवार और शनिवार को चलने वाले नियमित टीकाकरण सत्रों के दौरान दी जाएगी। उन्होंने बताया – विटामिन – ए की कमी से बच्चों में अंधापन होने का खतरा रहता है। बच्चों को विटामिन -ए की कितनी खुराक दी जानी है, इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है। नौ से 12 माह के बच्चों को एक एमएल (आधा चम्मच), 16 से 24 माह के बच्चों को दो एमएल (एक चम्मच) और दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को दो एमएल (एक चम्मच) की खुराक दी जानी है। विटामिन – ए बसा में घुलनशील है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज अग्रवाल ने बताया कि नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए चलने वाले इस अभियान में एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं की मुख्य भूमिका रहेगी। इस दौरान विटामिन – ए की खुराक देने के साथ ही बच्चों को जीवन रक्षक टीके भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया – आंखों की रोशनी, शरीर के विकास और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए विटामिन- ए आवश्यक पोषक तत्व है। भोजन से आयरन के अवशोषण के लिए भी यह बहुत जरूरी है।
आंखों में जलन, हड्डियां कमजोर होना, अधिक थकान, त्वचा रूखी होना और वजन घटना शरीर में विटामिन- ए की कमी के लक्षण हो सकते हैं। अधिक समय तक विटामिन- ए की कमी से आंखों में रतौंधी, आंख के सफेद हिस्से में धब्बे और कार्निया सूखने की समस्या हो सकती है। इलाज के अभाव में बच्चा अंधेपन का शिकार हो सकता है। इसके अलावा विटामिन-ए की कमी से पेशाब में संक्रमण और श्वसन नली में संक्रमण व निमोनिया भी हो सकता है।