मुख्यमंत्री ने राज्य कर विभाग के कार्यों की समीक्षा की, ईमानदार करदाताओं को सुविधा एवं सम्मान दिया जाए

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व संग्रहण में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा जतायी कि वे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहभागी बनें। कर प्रणाली में नवाचारों को अपनाएं और ईमानदार करदाताओं को हर सम्भव सुविधा एवं सम्मान प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य कर विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एडिशनल कमिश्नरों से भी संवाद किया और उनके अधीनस्थ अधिकारियों/कार्मिकों की उपलब्धता की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से फील्ड की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए व्यापारियों से सतत संवाद बनाये रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कर चोरी राष्ट्रीय क्षति है। इसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। विभागीय स्तर पर कर अपवंचन की रोकथाम के लिए कठोरतम और सुनियोजित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री को बैठक में अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य कर विभाग ने 1,14,637.54 करोड़ रुपये का संग्रहण किया गया। अब चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नए वित्तीय वर्ष के प्रथम माह अप्रैल में 9,986.15 करोड़ रुपये का जीएसटी/वैट संग्रहण हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले महीनों में लक्ष्य के सापेक्ष इसे और बेहतर किये जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जोन जैसे गौतमबुद्धनगर, अयोध्या, लखनऊ द्वितीय, अलीगढ़, कानपुर प्रथम और झांसी ने अप्रैल माह में 60 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य अर्जित कर सराहनीय कार्य किया है। लखनऊ द्वारा 71.66 प्रतिशत की लक्ष्य प्राप्ति की गयी है। वहीं, कुछ जोन, कॉपोर्रेट सर्किल और सेक्टरों में अपेक्षित संग्रह न हो पाने पर उन्होंने सुधार की आवश्यकता भी जतायी। उन्होंने कहा कि वाराणसी, इटावा, गोरखपुर, कानपुर द्वितीय और आगरा जैसे जोन/कॉपोर्रेट सर्किलों को और अधिक परिणामोन्मुखी कार्य करना होगा। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और जालौन के कुछ सेक्टरों में भी सुधार की आवश्यकता है। सम्बन्धित अधिकारियों को ठोस और क्षेत्रीय कार्ययोजना बनाकर निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देशित किया कि वह तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़े। आईटी टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का अधिकाधिक उपयोग कर न केवल संग्रहण क्षमता बढ़ाई जाए, बल्कि करदाताओं को एक सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद अनुभव भी प्रदान किया जाए। फील्ड में तैनात अधिकारी व्यापारियों से संवाद बनाये रखें और समय से सही रिटर्न फाइल करने में यथासम्भव सहायता करें।