नई दिल्ली। पूरे देश को स्तब्ध करने वाली घटना से सभी को गहरा आघात पहुंचा है। देश के पहले सीडीसी बिपिन रावत व उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की हेलीकाप्टर क्रेश होने से मौत हो गई। बिपिन रावत व उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार यानी आज शाम तक दोनों का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया जाएगा। शुक्रवार सुबह इन्हें जनरल रावत के घर पहुंचाया जाएगा। यहां सुबह 11 से दोपहर 2 बजे के बीच लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
सीडीएस और उनकी पत्नी की शवयात्रा कामराज मार्ग से बरार चौराहे तक होगी। दिल्ली कैन्टोन्मेंट में अंतिम संस्कार होगा। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद के दोनों संदनों में हादसे पर बयान देंगे। वे 11 बजे लोकसभा पहुंचेंगे और उसके बाद राज्यसभा में जानकारी देंगे। वहीं, कुन्नूर में हादसे वाली जगह से ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। इससे ही हादसे की असल वजह सामने आ पाएगी।
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है।
हालांकि बुधवार शाम तक तक यह खबर आती रही कि हादसे में घायल हुए कुछ लोगों को गंभीर हालत में वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। जहां से करीब साढ़े पांच घंटे तक खबर आती रही कि जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुछ अफसर बुरी तरह घायल हुए हैं, लेकिन फिर बारी-बारी से मौत की खबर आने लगी। हादसे का शिकार हुए हेलीकॉप्टर में जनरल रावत, उनकी पत्नी के अलावा 12 लोग और थे। चॉपर में ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा, जूनियर वारंट आॅफिसर दास, जूनियर वारंट आॅफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल सवार थे। इन सभी की मौत हो गई। हेलीकॉप्टर क्रैश में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बचे हैं। उनका शरीर इस हादसे में बुरी तरह झुलस गया है। वे वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले साल तेजस फाइटर जेट उड़ाते वक्त उन्हें बड़ी तकनीकी दिक्कत का सामना करना पड़ा था, पर उन्होंने साहस नहीं खोया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया था। इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
उधर, हादसे में जान गंवाने वाले जवानों के पार्थिव शरीर को नीलगीरि के वेलिंगटन से मद्रास रेजिमेंटल सेंटर पहुंचाया गया। यहां सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी गई।