नई दिल्ली। पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है साथ ही पूरी कैबिनेट भी भंग कर दी है। पंजाब में आए इस सियासी भूचाल से अफरातफरी का माहौल है।
राजभवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी सुबह ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दे दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने को लेकर उन पर संदेह किया गया, यह उनका अपमान है। वे अपने समर्थकों के साथ बैठक कर भविष्य की रणनीति तय करेंगे। जिस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को अपना इस्तीफा सौंपा उस दौरान उनके साथ उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार, सांसद पत्नी परनीत कौर व अन्य वरिष्ठ सहयोगी भी थे। कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने अपने सरकारी आवास पर समर्थक मंत्रियों व विधायकों के साथ बैठक भी की।
कैप्टन अमरिंदर सिंह सिसवां फार्म हाउस से निकलकर अपनी सेक्टर दो स्थित अपनी सरकारी रिहायश पर पहुंचे थे। वहां उन्होेंने अपने समर्थक मंत्रियों ,विधायकों व सांसदों से मीटिंग की। इस मीटिंग में सांसद मोहम्मद सद्दीक, जसबीर सिंह डिंपा, मनीष तिवारी, रवनीत बिट्टू, गुरजीत औजला भी मौजूद थे। इसके अलावा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ,साधू सिंह धर्मसोत, डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी, राकेश पांडे, रमनजीत सिंह सिक्की, राजकुमार चब्बेवाल, राणा गुरमीत सिंह सोढी, ब्रह्म मोहिंदरा, नवतेज सिंह चीमा, तरसेम सिंह डीसी, रजिंदर सिंह, हरप्रताप सिंह अजनाला और केवल ढिल्लों भी बैठक में शामिल हुए। कुछ देर मीटिंग के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को छोड़कर सभी कांग्रेस भवन में सीएलपी की मीटिंग में शामिल होने के लिए चले गए।
बता दें कि पंजाब की कांग्रेस सरकार को लेकर विरोधी विधायकों का लगातार दबाव बढ़ रहा था। कई बार में मसले को सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान ने वरिष्ठ नेताओं को पंजाब भेजा था। लेकिन कांग्रेस में चल रही रार थमने का नाम नहीं ले रही थी। बताया जाता है कि पंजाब के घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे सुबह इस्तीफा मांग लिया था। इसी के चलते कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया है। पंजाब में नए मुख्यमंत्री को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं।