- झारखंड से अफीम लाकर करते थे एनसीआर में सप्लाई
गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की। क्राइम ब्रांच के प्रभारी निरीक्षक अब्दुल रहमान सिददीकी के नेतृत्व में टीम ने दो इंटर स्टेट तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से सवा करोड़ रुपए मूल्य की 5 किलोग्राम अफीम बरामद की है। यह अफीम झारखंड से लाई जा रही थी। क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाकर मोहननगर कट से पास से अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में पूरे मामले की जानकारी दी गई। पकड़े गए अभियुक्त छोटू कुमार ने बताया कि वह झारखण्ड के चतरा जिला का रहने वाला है और खेतीबाड़ी करता है जिसमें घर के राशन की ही पूर्ति हो पाती है। उसने बताया कि उनके क्षेत्र में मादक पदार्थो का बहुत काम होता है। उसके कुछ जानने वाले गांजा व अफीम की तस्करी झारखण्ड से बाहर ले जाकर करते हैं उनसे उसका सम्पर्क हुआ। वह एक दो बार उनके साथ गया तो उसे 10 हजार रुपए मिले फिर उसने सोचा कि इस काम में काफी फायदा है तो वह शंभू मुण्डा के सम्पर्क मे आया और तस्करी करने लगा। अभियुक्त राजेन्द्र कुमार डांगी ने बताया कि उसने नवीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण की है उसके बाद पढ़ाई छोड दी और फर्नीचर बनाने का काम सीख लिया फिर मुम्बई चला गया। 2 वर्ष तक काम किया पर मन नही लगा ना ही ज्यादा आमदनी हो रही थी तो वह वापस गाँव आ गया। अपने दोस्त छोटू के सम्पर्क में आया और इससे काम के लिए कहा तो इसने इस काम के बारे में बताया तब से वह इसके साथ लग गया और वे लोग अफीम की तस्करी करने लगे। अफीम व अन्य नशीले पदार्थ लेकर वे बरेली, बदाँयू, मुरादाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली व एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में, हरियाणा, राजस्थान व पंजाब में डिमांड के अनुसार सप्लाई करने लगे। अभियुक्तों ने बताया कि उन्हें अफीम की डिमांड जहां से मिलती है उतना माल लेकर वे बस तथा ट्रेनों से आते हंै। वे सीधे नहीं आते। रास्ते में गाड़ियाँ बदलते रहते हंै जिसको माल देना होता है वो जगह पहले ही तय कर लेते हंै कि माल कहाँ और कितने बजे देंगे, जब हम लोग वहाँ से चलते है तो अपने फोन बन्द कर लेते हैं और किसी से सम्पर्क नही करते हैं जब तक कि माल को तयशुदा जगह पर डिलीवरी न पहुँचा दें, आज हम लोग यह माल लेकर ट्रेन बदल-बदलकर कानपुर तक आये फिर वहाँ से साधारण बस से आये थे। इस बार हमें गाजियाबाद दिल्ली बॉर्डर के पास 5 किलोग्राम अफीम सप्लाई का आॅर्डर मिला था, माल डिलीवरी करने से पहले हम लोग पकड़े गये। पूछताछ पर यह भी बताया कि हम काफी समय से यह काम कर रहे हंै, मादक पदार्थो की तस्करी में कम समय में ज्यादा फायदा होता है, हम अपने शौक व घर के खर्चे इसी से पूरे करते हैं।
अभियुक्तों से पूछताछ पर मादक पदार्थों के बिक्री व तस्करी करने वाले अपराधियों के सम्बन्ध में कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। जिसके आधार पर टीमें बनाकर माल बरामदगी व गिरफ्तारी हेतु दबिशें दी जा रही हैं। निश्चित रूप से इस प्रकार की पुलिस कार्यवाही से जनपद गाजियाबाद व आस-पास के क्षेत्रों में मादक पदार्थों की बिक्री व उनके सेवन पर रोक लगेगी।