- जीपीए ने अनुराग की मौत के जिम्मेदार दोषियों को सजा के लिए मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
गाजियाबाद। मोदीनगर में स्कूली बस में छात्र की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अभी तक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई न होने पर छात्र के अभिभावक व गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन आंदोलन की राह पर है। मंगलवार को एसएसपी और एसपी देहात द्वारा अनुराग के परिजनों को वार्ता के लिए बुलाया गया था। अनुराग के परिजनों ने गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन से मदद की गुहार लगाई थी कि वह इस न्याय की लड़ाई में साथ दे। उनकी अपील पर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की टीम परिजनों के साथ जिलाधिकारी कार्यलय साथ गई और जिलाधिकारी के साथ वार्ता में जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी शामिल हुईं और जीपीए टीम के बाकी सदस्य जिलाधिकारी कार्यलय के बाहर जस्टिस फॉर अनुराग के लिए मोदी योगी जी सुनो पुकार के पोस्टर के साथ दोषियों पर कार्यवाई के लिए बैठ गये। जिलाधिकारी के साथ परिजनों की लगभग 2 घंटे तक मीटिंग चली। परिजनों और जीपीए की अध्यक्ष सीमा त्यागी द्वारा मजिस्ट्रेट जांच की भी मांग की गई लेकिन जिलाधिकारी द्वारा इनकार कर दिया गया। जीपीए की अध्यक्ष ने अनेकों बिंदुओं पर जिलाधिकारी और एसपी देहात से सवाल पहुंचे लेकिन दोनों ही अधिकारी सवालों का जवाब देने में बेबस नजर आये और जिलाधिकारी ने कहा कि जांच चल रही है और विवेचना के लिये 45 दिन का समय लगेगा। परिजनों को दोषियों पर कार्यवाई के लिए परिजनों को एक और आश्वासन दे दिया गया। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर निवेदन किया है कि पूरे प्रकरण का संज्ञान लेकर पूरे प्रदेश के निजी स्कूलों के लिए उदहारण सेट करने के लिए दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाई का आदेश जारी करे। जीपीए के कानूनी सलाहकार अधिवक्ता अशोक गहलोत ने कहा कि अभिभावकों में इस पूरे प्रकरण को लेकर भारी रोष है और सरकार द्वारा कुछ एक्शन न लेने को लेकर असमंजस भी है। किसी की हत्या हो जाये और अपराधी पक्ष पर कार्यवाही इसीलिए न हो क्योंकि वह रसूखदार हैं और एक ऐसी लाबी से जुड़े हैं जो राजनीतिक गलियारों में तगड़ी पकड़ रखते हैं, तो य़ह दुर्भाग्यपूर्ण है।
अभिभावकों की मांग है कि स्कूल मालिक, स्कूल के ट्रांसपोर्ट इंचार्ज एवम प्रधानाचार्य को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। स्कूल की मान्यता रद्द करते हुये प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल को तत्काल प्रभाव से अपने अधीन लिया जाये। अनहोनी की स्थिति के लिये बस से जुड़े सभी कर्मचारी और उसमें सवार सभी शिक्षकों को प्राथमिक चिकित्सा का सघन प्रशिक्षण दिया जाए जिसकी नियमित मोक ड्रिल भी हो। स्कूल परिसर में बस में अथवा स्कूल ग्राउंड में किसी भी छात्र-छात्राओं के साथ कोई भी दुर्घटना होने पर स्कूल प्रशासन की सीधी जिमेदारी होने का नियम बनाया जाए।
स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरा व जीपीएस लगाने और उसके पेरेंट्स के मोबाइल एप के साथ जोड़ने के आदेश सभी स्कूल को जारी किये जायें और सख्ती से पालन कराया जाए।
स्कूल की बसों के फिटनेस और निरीक्षण के लिए परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाये और पालन नहीं करने पर ठोस कार्यवाई सुनिश्चित किया जाये। प्रत्येक बस में पैनिक बटन लगाया जाये जिससे कि कोई भी घटना होने पर छात्र – छात्राओं के माता-पिता सचेत हो सके। सभी निजी स्कूलों द्वारा जिलाधिकारी, डीआईओएस और डीएफआरसी द्वारा जारी सभी नियमावली का अक्षरश: पालन न होने पर कठोर दंड के प्रावधानों पर सख्ती से क्रियान्वयन हो। निजी स्कूलों को मानव मूल्यों के प्रति संवेदनशील एवं बाजारीकरण से दूर धकेलने के लिये केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा नयी नीतियों को बनाने एवं लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो। देश के 18 वर्ष से छोटे सभी बच्चों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर हमारे राष्ट्र के भविष्य को केंद्र और प्रदेश सरकार का विशेष संरक्षण प्राप्त हो। जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी और प्रवक्ता विनय कक्कड़ ने कहा कि जीपीए की पूरी टीम परिजनों के निर्णय के साथ न्याय मिलने तक कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है।