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हिन्दी भवन में किया गया नाटक पूर्णिश्लोक अहिल्याबाई का प्रभावशाली मंचन

गाजियाबाद। डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर हिंदी भवन, गाजियाबाद में एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें नाटक पूर्णिश्लोक अहिल्याबाई का प्रभावशाली मंचन हुआ। इस अवसर पर गाजियाबाद के पूर्व मेयर आशु वर्मा, डॉ. तारा गुप्ता, निर्देशिका गंधर्व संगीत महाविद्यालय, हिंदी भवन के महामंत्री सुभाष गर्ग व अध्यक्ष ललित जायसवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन सारांश भट्ट द्वारा किया गया, जिन्होंने बीते कुछ सप्ताहों से आयोजित थिएटर कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को रंगमंच की बारीकियों, अभिनय तकनीक और मंचीय अनुशासन का प्रशिक्षण दिया। इस कार्यशाला में ही प्रतिभागियों द्वारा अहिल्याबाई होल्कर के जीवन की विविध घटनाओं पर आधारित नाटक की पटकथा लिखी गई, जिसे अंतत: आशना कक्कड़ ने अंतिम रूप प्रदान किया। नाटक में अहिल्याबाई के जीवन की प्रेरणादायक घटनाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया—उनकी सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता, जनकल्याण के लिए किए गए प्रयास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके योगदान को प्रभावी संवादों और सशक्त अभिनय के माध्यम से दर्शाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों व अन्य अतिथियों ने नाटक की भूरी-भूरी प्रशंसा की और यह इच्छा प्रकट की कि भविष्य में इस नाटक की और भी प्रस्तुति की जाएं। दर्शकों ने कलाकारों की मेहनत और प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं में इतिहास और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ती है। यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति था, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी बना, जिसने सामाजिक चेतना और ऐतिहासिक गौरव को एक नए रंगमंचीय रूप में सामने लाया।
कार्यक्रम का संचालन मार्टिना मेधी ने अत्यंत सुचारू और आकर्षक ढंग से किया। प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी देवव्रत अमोल ने निभाई, जिन्होंने अपने प्रकाश संयोजन से दृश्यों को जीवंतता प्रदान की। नाटक की परिकल्पना वा निर्देशन सारांश भट्ट ने की।

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