- लाला बाबू बैजल मेमोरियल इंटर कालेज में हुआ किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन
- वाद-विवाद और पोस्टर प्रतियोगिता के जरिए छात्रों ने संवेदनशील मुद्दों को छुआ
- छात्राओं ने भ्रूण हत्या पर समाज को जागरूक करने के लिए नाटक का मंचन किया
- गुड-बैड टच व किशोरावस्था में होने वाले बदलावों की भी दी जानकारी
हापुड़। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके)- राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) की टीम ने लाला बाबू बैजल मेमोरियल इंटर कालेज, गढ़मुक्तेश्वर में किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन किया। बतौर मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने संबोधन में किशोर- किशोरियों को कुरीतियों से दूर रहने और साथ ही अपने घर- परिवार के अन्य लोगों को भी इस संबंध में जागरूक करने के लिए कहा।
सीएमओ डा. त्यागी ने कहा कि किशोरावस्था जीवन की एक संवेदनशील अवस्था होती है। इस अवस्था में तमाम शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। इन बदलावों के बारे में समझने की जरूरत होती है, मन में यदि किसी बात को लेकर उलझन है तो अपने माता-पिता बड़े भाई-बहन, शिक्षक या फिर चिकित्सक से बात करें। भ्रूण हत्या को लेकर छात्राओं द्वारा नाटक की प्रस्तुति ने सीएमओ को काफी प्रभावित किया और उन्होंने नाटक मंचन में शामिल छात्राओं को व्यक्तिगत रूप से प्रोत्साहन राशि भेंट कर पुरस्कृत किया। आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डा. मयंक चौधरी ने बताया कि किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन किशोरावस्था में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का नाम है, जहां किशोरावस्था में होने वाले तमाम शारीरिक और मानसिक बदलावों के बारे में जानकारी दी जाती है। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान भी छात्र – छात्राओं को एनीमिया से बचने के लिए पोषण के बारे में जानकारी दी। डा.सुरेंद्र के नेतृत्व में आरबीएसके की गढ़ ब्लॉक की टीम ने छात्र-छात्राओं को उम्र के साथ होने वाले शारीरिक बदलाव और हार्मोन परिवर्तन के बारे में जागरूक किया। साथ ही गुड टच व बेड टच के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के दौरान माहवारी प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और इस दौरान साफ-सफाई की जरूरत पर भी बल दिया गया। किशोरियों को सचेत किया गया कि माहवारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करें और छह से आठ घंटे में नैपकिन अवश्य बदलें। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के लिए पोस्टर प्रतियोगिता व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे बच्चों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में कॉलेज के प्रधानाचार्य और समस्त स्टाफ का सहयोग रहा।
क्षय रोग के बारे में भी दी गई जानकारी
किशोर स्वास्थ्य मंच के दौरान किशोरों से जुड़े तमाम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के साथ ही क्षय रोग के बारे में भी जानकारी दी गई। क्षय रोग विभाग से जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया कि टीबी के बैक्टीरिया की चेन तोड़ने के लिए जन सहभागिता जरूरी है। दो सप्ताह तक खांसी रहने, वजन कम होने, बुखार रहने, भूख न लगने पर टीबी की जांच अवश्य कराएं। स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी की जांच और उपचार का प्रावधान है। टीबी का उपचार शुरू होने पर निक्षय पोषण योजना के तहत रोगी को हर माह पांच सौ रुपए का भुगतान उसके बैंक खाते में किया जाता है। वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक गजेंद्र पाल सिंह ने भी बच्चों को टीबी के बारे में जागरूक किया और इस संबंध में अपने घर-परिवार के सदस्यों को भी बताने की अपील की। जिला समन्वयक परीक्षित तेवतिया ने छात्रों को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में जानकारी दी।