- सोमवार को छह पुरुषों ने कराई नसबंदी, पखवाड़े में अब तक 14 ने दिखाई समझदारी
- 22 से 29 नवंबर तक जिले में 82 महिलाओं ने अपनाया परिवार नियोजन का स्थाई विकल्प
गाजियाबाद। पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार लाभार्थी के साथ-साथ उसे नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति के खाते में भी भुगतान करती है। हापुड़ की मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. रेखा शर्मा ने बताया जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है, जो चार दिसंबर तक चलेगा। अपना परिवार पूरे कर चुके पुरुष परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाकर समझदारी का उदाहरण पेश करें। सोमवार को एक ही दिन में जनपद में छह पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी कराई। उन्होंने बताया सरकार जहां पुरुष नसबंदी के लाभार्थी को 2000 रुपए का भुगतान करती है वहीं पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति को सरकार उसके खाते में 300 रुपए का भुगतान करती है, बशर्ते प्रेर?क सरकारी नौकरी में न हो। महिला नसबंदी के मामले में लाभार्थी को मिलने वाली राशि 1400 रुपए और प्रेरक को मिलने वाली राशि 200 रुपए है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. प्रवीण शर्मा ने बताया परिवार पूरा होने पर पुरुष नसबंदी की सेवा लेना एक अच्छा विकल्प है। यह महिला नसबंदी के मुकाबले काफी सरल और सुरक्षित है। उन्होंने बताया पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में परिवार नियोजन कार्यक्रम को अच्छा रेस्पांस मिल रहा है। नसबंदी की ही बात करें तो 22 से 29 नवंबर तक जनपद में 14 पुरुष यह सेवा प्राप्त कर चुके हैं जबकि महिलाओं की संख्या 82 तक पहुंच गई है। उन्होंने चार दिसंबर तक चलने वाले इस पखवाड़े में और बेहतर रेस्पांस की उम्मीद जताते हुए जनपद वासियों से अपील की है कि परिवार पूरा कर चुके दंपत्ति इस विषय पर गंभीरता से विचार करें।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान ने बताया पुरुष नसबंदी के लिए चार योग्यताएं हैं। पुरुष विवाहित होना चाहिए, उसकी आयु 60 वर्ष से अधिक न हो और दंपति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पति या पत्नी में से किसी एक की ही नसबंदी होती है। गैर सरकारी व्यक्ति के अलावा अगर आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरक की भूमिका निभाती हैं, तो उन्हें भी 300 रुपये देने का प्रावधान है।