लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रकृति के जीवन चक्र में केवल मनुष्य ही सब कुछ नहीं है, मनुष्य इसका बहुत छोटा सा हिस्सा है। हर जीव-जन्तु एक-दूसरे पर निर्भर रहता है, एक-दूसरे पर उसका जीवन टिका हुआ है। मनुष्य यदि अपने अस्तित्व को बचाने के लिए शेष जीव-जन्तुओं के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ करेगा, तो यह खिलवाड़ एक दिन उसी के लिए भीषण संकट का कारण बनेगा। इसलिए जीव-जन्तुओं के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व होना चाहिए।
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के शताब्दी समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्राणि उद्यान में शताब्दी स्तम्भ का अनावरण तथा डाक टिकट एवं शताब्दी स्मारिका का विमोचन किया। स्मारिका में प्राणि उद्यान की 100 वर्ष की उपलब्धियों का वर्णन है। उन्होंने चित्रों में चिड़ियाघर नामक एक पुस्तक का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने वन्य जीव संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पूर्व प्रशासकों एवं पूर्व निदेशकों को भी सम्मानित किया। शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में वन्य जीव एवं पर्यावरण पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने प्राणि उद्यान के जीव-जन्तुओं के अंगीकतार्ओं को भी सम्मानित किया। बच्चों द्वारा सुझाये गये नाम के आधार पर 6 बाघों का नामकरण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ प्राणि उद्यान की 100 वर्ष की यह पारी एक शानदार पारी है। हमें इस प्रयास को और आगे बढ़ाना है। साथ ही, यहां की पिछली सभी स्मृतियों को बनाये रखते हुए कुछ नयापन लाने की भी आवश्यकता है। उस दिशा में क्या प्रयास हो सकते हैं, इसके लिए यहां पर पूर्व में कार्यरत पूर्व निदेशकों एवं प्रशासकों से सहयोग लेकर लखनऊ प्राणि उद्यान के साथ ही अन्य प्राणि उद्यानों को भी वैश्विक स्तर के मानक पर आगे बढ़ाने में योगदान दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों का आगमन हुआ है। इन बच्चों को गाइड के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के वन्यजीव विशेषज्ञ जीव-जन्तुओं के बारे में यदि विस्तृत रूप से बताएं तो बच्चों के मनोरंजन के साथ उनका ज्ञानवर्धन भी होगा। यहां पर बच्चों के बीच डिबेट, लेखन, पेंटिंग प्रतियोगिता के अलग-अलग स्तर पर वृहद कार्यक्रम आयोजित हों। यह कार्यक्रम सिर्फ शताब्दी वर्ष पर ही नहीं बल्कि वृहद स्तर पर रूटीन का हिस्सा बनना चाहिए। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए तो, वन्य जीवों के प्रति आमजन के मन में बदलती हुई धारणा दिखायी देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ईको-टूरिज्म की असीम सम्भावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा ईको-टूरिज्म को लेकर अनेक क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं। इन क्षेत्रों पर बेहतरीन तरीके से कार्य किया जा सकता है। इसे आगे बढ़ाने में पर्यटन विभाग के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों को संचालित किया जा सकता है। प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक 70 वर्षों में 2 प्राणि उद्यान ही बन पाये थे। जबकि विगत 5 वर्षों में एक प्राणि उद्यान गोरखपुर में स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया और बैंक आॅफ बड़ौदा को पूरे कार्यक्रम में अपना योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया।
वन एवं पर्यावरण तथा जन्तु उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वन्य जीव प्रकृति का खजाना, जिसे हमें हर कीमत पर बचाना। प्रकृति का न करें हरण, आओ बचाएं हम सब मिलकर पर्यावरण। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील पाण्डेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव डीके शर्मा, निदेशक प्राणि उद्यान लखनऊ आरके सिंह सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।