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15 अति गंभीर श्रेणी के बच्चों को एनआरसी रेफर किया गया

  • विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में 369 सैम बच्चे चिन्हित
  • 81 बच्चों के घर जिला स्तरीय अधिकारियों ने भ्रमण किया

गाजियाबाद। अक्टूबर-नवंबर माह के दौरान जनपद में चलाए गए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान एक ओर स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचारी रोगों के प्रति आम जन का संवेदीकरण किया गया वहीं एकीकृत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) की ओर से छह वर्ष तक के अति कुपोषित (सैम) बच्चों का चिन्हांकन किया गया और काउंसलिंग के साथ ही अति गंभीर श्रेणी के सैम बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) के लिए रेफर किया गया ताकि उन्हें जरूरी मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
हापुड़ के जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्ञान प्रकाश तिवारी ने बताया अभियान के दौरान कुल 369 सैम बच्चे चिन्हित किए गए। इनमें से भी अति गंभीर श्रेणी के 15 बच्चे चिन्हित कर एनआरसी के लिए रेफर किए गए। इसके अलावा 81 सैम बच्चों के घर जिला स्तरीय अधिकारियों ने भ्रमण किया और उन्हें कुपोषण के चक्र से बाहर निकलने के लिए माता-पिता की काउंसलिंग की। उन्हें पोषण के लिए जरूरी अवयवों की जानकारी दी गई और उनके स्त्रोतों के बारे में भी विस्तार से बताया गया। इसके साथ ही साफ-सफाई के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। बता दें कि कुपोषित बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और ऐसे में कोई भी संक्रमण आसानी से उन्हें अपना शिकार बना लेता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कोविड के चलते आमजन में साफ-सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ी है, लेकिन कोविड काल में आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद रहने से नियमित गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। शासनादेश के मुताबिक धीरे-धीरे आंगनबाड़ी केंद्रों नियमित गतिविधियां शुरू हो रही हैं। उन्होंने कहा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गृहभ्रमण के दौरान स्वास्थ्य, सेनेटाईजेशन और पोषण के प्रति संवेदीकरण के निर्देश दिए गए हैं। खासकर अभियान के दौरान चिन्हित किए गए सैम बच्चों के घर जाकर उनकी लगातार मॉनीटरिंग करने के भी निर्देश दिए हैं।

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