लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में ह्यजनजातीय गौरव दिवसह्ण के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की 146वीं जयंती समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किये।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में भारत माता के महान सपूत, राष्ट्र नायक, क्रांति दूत, स्वाधीनता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 146 वीं जयंती को भव्यता व हर्षोल्लास से मना रहा है। उस कालखंड में स्वयं को बलिदान करने वाले जनजातीय समाज के भगवान बिरसा मुंडा का जन्म झारखंड राज्य में 15 नवंबर, 1875 को हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महानता का कारक व्यक्ति का कार्य होता है। भगवान बिरसा मुंडा ने 25 वर्ष की आयु में स्वाधीनता एवं जनजाति के उत्थान के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। वे अंग्रेजों की कुटिलता का शिकार हुए। उनका यह बलिदान और त्याग भारत की स्वाधीनता का मंत्र बन गया। उनके बलिदान की 47 वर्ष से कम अवधि में भारत को स्वाधीनता हासिल हो गई। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता का तात्पर्य देशवासियों द्वारा स्वयं नीतियां बनाकर समाज के सम्मान व स्वावलंबन हेतु कार्यक्रमों को बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज भारत की संपदा का रक्षक रहा है। देश के अनमोल रत्नों की रक्षा हेतु निरंतर कार्य किया। उत्तर प्रदेश सरकार जनजाति उत्थान के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश में वन गांवों को राजस्व गांव की मान्यता दी जा रही है। प्रदेश सरकार जनजाति वर्ग के लोगों को जमीन का पट्टा, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड व रोजगार से जोड़ने का कार्य कर रही है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर नगर विकास, शहरी समग्र विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पर्यटन, संस्कृति, धमार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, जनपद वाराणसी की महापौर मृदुला जायसवाल सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।